दुश्मन के 100 किमी दूर ठिकाने को तबाह करेगा ‘हॉक आई’ विमान, एचएएल ने किया सफल परीक्षण

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एचएएल ने 125 किमी वजनी हथियार को स्वदेशी हॉक-आई विमान से ओडिशा तट पर किया परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस 125 किलो वजनी हथियार का पहले जगुआर विमान से इस हथियार का सफल परीक्षण किया गया था। एचएएल के परीक्षण पायलटों रिटायर्ड विंग कमांडर पी अवस्थी और रिटायर्ड विंग कमांडर एम पटेल ने हॉक-एमकेआई 132 विमान से उड़ान भरी और इस हथियार का परीक्षण किया।
एचएएल ने कहा, परीक्षण ने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। नौसेना और वायुसेना के लिए इस स्मार्ट हथियार को खरीदने के लिए सरकार बीते साल सितंबर में मंजूरी दे चुकी है।
राफेल में भी लगाए जाने की योजना
यह एक तरह का निर्देशित बम है, जो मिसाइल या रॉकेट की तुलना में बहुत सस्ता होगा। भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर इस हथियार को राफेल के साथ एकीकृत करने की योजना है। इस परियोजना को 2013 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी।
अब तक नौ परीक्षण, रुद्रम भी खरी उतरी
हथियार का पहला सफल परीक्षण मई, 2016 में किया गया था। इसके बाद नवंबर, 2017 में एक और सफल परीक्षण किया गया था। इसके बाद 16 और 18 अगस्त 2018 के बीच तीन सफल परीक्षण किए गए, जिससे कुल परीक्षणों की संख्या आठ हो गई।
बृहस्पतिवार को किया गया परीक्षण 9वां था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल डीआरडीओ द्वारा विकसित रुद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया था।
एचएएल ने 125 किमी वजनी हथियार को स्वदेशी हॉक-आई विमान से ओडिशा तट पर किया परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस 125 किलो वजनी हथियार का पहले जगुआर विमान से इस हथियार का सफल परीक्षण किया गया था। एचएएल के परीक्षण पायलटों रिटायर्ड विंग कमांडर पी अवस्थी और रिटायर्ड विंग कमांडर एम पटेल ने हॉक-एमकेआई 132 विमान से उड़ान भरी और इस हथियार का परीक्षण किया।
एचएएल ने कहा, परीक्षण ने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। नौसेना और वायुसेना के लिए इस स्मार्ट हथियार को खरीदने के लिए सरकार बीते साल सितंबर में मंजूरी दे चुकी है।
राफेल में भी लगाए जाने की योजना
यह एक तरह का निर्देशित बम है, जो मिसाइल या रॉकेट की तुलना में बहुत सस्ता होगा। भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर इस हथियार को राफेल के साथ एकीकृत करने की योजना है। इस परियोजना को 2013 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी।
अब तक नौ परीक्षण, रुद्रम भी खरी उतरी
हथियार का पहला सफल परीक्षण मई, 2016 में किया गया था। इसके बाद नवंबर, 2017 में एक और सफल परीक्षण किया गया था। इसके बाद 16 और 18 अगस्त 2018 के बीच तीन सफल परीक्षण किए गए, जिससे कुल परीक्षणों की संख्या आठ हो गई।
बृहस्पतिवार को किया गया परीक्षण 9वां था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल डीआरडीओ द्वारा विकसित रुद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया था।