दिवंगत दादा और पिता की राह पर चले किम जोंग, सत्तारूढ़ पार्टी में मिला अहम पद

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बैठक में किम ने और आधुनिक परमाणु हथियार बनाने का संकल्प लिया, आर्थिक विकास के लक्ष्यों का खुलासा किया और पार्टी अधिकारियों में फेरबदल किया। लेकिन पर्यवेक्षकों को संदेह है कि इससे उत्तर कोरिया की कठिनाइयों का ठोस समाधान हो सकेगा जिसमें कोरोना वायरस के कारण लगा आर्थिक झटका, प्राकृतिक आपदा और अमेरिका के नेतृत्व में बार-बार लगाया जाने वाला प्रतिबंध शामिल है।
कोरिया की आधिकारिक ‘सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ के मुताबिक कांग्रेस ने रविवार को बैठक के छठे दिन किम को नए पद से नवाजा। कांग्रेस के बयान में कहा गया कि किम ने देश के परमाणु निर्माण योजना को पूरा करने के ऐतिहासिक मिशन को अंजाम दिया है। किम पहले से ही पार्टी के शीर्ष नेता हैं।
साल 2016 में पार्टी कांग्रेस के दौरान उन्हें पार्टी का अध्यक्ष नामित किया गया था और उससे पहले उन्होंने प्रथम सचिव के पद के साथ पार्टी का नेतृत्व किया। लेकिन वंशवादी शासन वाले देश में महासचिव पद को सांकेतिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह पद उनके पिता किम जोंग इल और दादा किम इल सुंग के पास भी था।
किम जोंग उन ने 2011 में जब अपने पिता के निधन के बाद देश का नेतृत्व संभाला तो कुछ विदेशी विशेषज्ञों ने सत्ता पर उनकी पकड़ को लेकर संदेह जताया। लेकिन शुक्रवार को 37 वर्ष के हुए किम ने कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को फांसी देकर और अपने विरोधियों को रास्ते से हटाकर सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली।
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