रेवाड़ी में किसानों से बात करते ग्रामीण।
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा का असर आंदोलन पर दिखना शुरू हो गया है। बुधवार सुबह हाईवे के पास 11 से अधिक पंचायतों की ओर से बैठक की गई। इस दौरान दिल्ली-जयपुर हाईवे 48 के मसानी बैराज पर चार जनवरी से धरने पर बैठे किसानों को 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाईवे खाली करने को लेकर बहस भी हुई, लेकिन पुलिस ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया। करीब 30 किमी. दूर हरियाणा-राजस्थान सीमा पर 13 दिसंबर से धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ पेट्रोल पंप एसोसिएशन की ओर से मोर्चा खोल दिया गया। एसोसिएशन ने जय किसान आंदोलन के संयोजक एवं खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का नेतृत्व कर रहे योगेंद्र यादव का पुतला जलाकर लाल किला पर हुई घटना का विरोध दर्ज कराया है।
बुधवार को गांव डूंगरवास में आस-पास के गांवों के ग्रामीणों की मसानी के सरपंच कैप्टन लाला राम की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में गांव डूंगरवास, मसानी, जोनावास, तीतरपुर, निगानियावास, खरखड़ा, रसगण, जीतपुरा व निखरी आदि गांव के ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों का आरोप है कि एक महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया हुआ है, जिस कारण आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हाईवे का ट्रैफिक गांव से गुजर रहा है जिससे गांवों के लिंक रोड और पानी की पाइप लाइनें टूट चुकी हैं। वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे टूट गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को किसान आंदोलन की आड़ में लाल किला पर तिरंगे का अपमान हुआ है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में ग्रामीणों द्वारा गठित कमेटी ने सरपंच लालाराम की अगुवाई में आंदोलनकारी किसानों के नेताओं से भी मुलाकात की और उन्हें 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया। ग्रामीणों के हाईवे पर पहुंचने के कारण एक बार तनाव की स्थिति बन गई थी। बातचीत के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा का असर आंदोलन पर दिखना शुरू हो गया है। बुधवार सुबह हाईवे के पास 11 से अधिक पंचायतों की ओर से बैठक की गई। इस दौरान दिल्ली-जयपुर हाईवे 48 के मसानी बैराज पर चार जनवरी से धरने पर बैठे किसानों को 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाईवे खाली करने को लेकर बहस भी हुई, लेकिन पुलिस ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया। करीब 30 किमी. दूर हरियाणा-राजस्थान सीमा पर 13 दिसंबर से धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ पेट्रोल पंप एसोसिएशन की ओर से मोर्चा खोल दिया गया। एसोसिएशन ने जय किसान आंदोलन के संयोजक एवं खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का नेतृत्व कर रहे योगेंद्र यादव का पुतला जलाकर लाल किला पर हुई घटना का विरोध दर्ज कराया है।
बुधवार को गांव डूंगरवास में आस-पास के गांवों के ग्रामीणों की मसानी के सरपंच कैप्टन लाला राम की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में गांव डूंगरवास, मसानी, जोनावास, तीतरपुर, निगानियावास, खरखड़ा, रसगण, जीतपुरा व निखरी आदि गांव के ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों का आरोप है कि एक महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया हुआ है, जिस कारण आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हाईवे का ट्रैफिक गांव से गुजर रहा है जिससे गांवों के लिंक रोड और पानी की पाइप लाइनें टूट चुकी हैं। वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे टूट गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को किसान आंदोलन की आड़ में लाल किला पर तिरंगे का अपमान हुआ है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में ग्रामीणों द्वारा गठित कमेटी ने सरपंच लालाराम की अगुवाई में आंदोलनकारी किसानों के नेताओं से भी मुलाकात की और उन्हें 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया। ग्रामीणों के हाईवे पर पहुंचने के कारण एक बार तनाव की स्थिति बन गई थी। बातचीत के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
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