न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कुंडली/टीकरी बॉर्डर (हरियाणा)
Updated Tue, 26 Jan 2021 07:43 PM IST
दिल्ली से लौटने लगे किसान।
– फोटो : अमर उजाला
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कुंडली बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड लेकर दिल्ली निकले किसान मंगलवार शाम को वापस लौटना शुरू हो गए है। दिल्ली से किसान धीरे-धीरे कर लौट रहे हैं। हालांकि नेशनल हाईवे-44 पर करीब 20 किलोमीटर तक अभी किसान जाम में फंसे हैं। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड लेकर मंगलवार सुबह नौ बजे निकले किसान शाम करीब पांच बजे दिल्ली से वापस लौटना शुरू हो गए। हालांकि दिल्ली से किसान अभी कम ही लौट रहे है।
अभी दिल्ली से दो-चार की संख्या में ही ट्रैक्टर वापस आ रहे हैं। देर रात काफी संख्या में ट्रैक्टरों के वापस लौटने की उम्मीद है। उधर, नेशनल हाईवे-44 पर जाम के हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है। सोमवार से ही बहालगढ़ से आगे पूरी तरह रोड पर ट्रैक्टरों की कतारे लगीं हैं। सुबह राई गांव के जाम में फंसे ट्रैक्टरों में कुछ ही निकल पाए हैं।
अन्य ट्रैक्टर जाम में ही फंसे हैं। पानीपत की तरफ से ट्रैक्टर आने का सिलसिला शाम तक जारी रहा। बताया गया है कि मुरथल तक फंसे ट्रैक्टर शाम तक कुडली क्षेत्र की तरफ बढ़ रहे हैं। जाम के कारण हजारों ट्रैक्टर दिल्ली परेड में नहीं जा सके। बता दें कि सोनीपत क्षेत्र में दिनभर शांति व्यवस्था बनी रही। यहां किसी तरह का गतिरोध सामने नहीं आया।
टीकरी बॉर्डर पर भी लौटे किसान
दिल्ली में हिंसा और झड़प के बाद मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे पंजाब और हरियाणा के किसान टिकरी बॉर्डर पर लौटने लगे। वापस लौटे किसानों से जब लाल किला प्रकरण पर पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। केवल इतना कहा कि उनका मकसद किसान आंदोलन को मजबूत करना था और वह अपने मकसद में कामयाब रहे।
झज्जर निवासी जोगेंद्र का कहना है कि ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों में जबरदस्त उत्साह था। ज्यादातर किसान तो दिल्ली पहुंच ही नहीं सके। वापस रास्ते से ही लौट रहे हैं। फाजिल्का से आए गुरप्रीत सिंह ने कहा कि वे किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष हैं, किसानों ने दिल्ली में शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर परेड निकाल ली। दिल्ली पुलिस को लाठीचार्ज नहीं करना चाहिए था। पंजाब के किसान सुखपाल सिंह का कहना है कि वे 23 जनवरी को टिकरी बॉर्डर पर आए थे। आज ट्रैक्टर परेड में नहीं जा सके। क्योंकि बहुत ज्यादा भीड़ थी।
कुंडली बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड लेकर दिल्ली निकले किसान मंगलवार शाम को वापस लौटना शुरू हो गए है। दिल्ली से किसान धीरे-धीरे कर लौट रहे हैं। हालांकि नेशनल हाईवे-44 पर करीब 20 किलोमीटर तक अभी किसान जाम में फंसे हैं। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड लेकर मंगलवार सुबह नौ बजे निकले किसान शाम करीब पांच बजे दिल्ली से वापस लौटना शुरू हो गए। हालांकि दिल्ली से किसान अभी कम ही लौट रहे है।
अभी दिल्ली से दो-चार की संख्या में ही ट्रैक्टर वापस आ रहे हैं। देर रात काफी संख्या में ट्रैक्टरों के वापस लौटने की उम्मीद है। उधर, नेशनल हाईवे-44 पर जाम के हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है। सोमवार से ही बहालगढ़ से आगे पूरी तरह रोड पर ट्रैक्टरों की कतारे लगीं हैं। सुबह राई गांव के जाम में फंसे ट्रैक्टरों में कुछ ही निकल पाए हैं।
अन्य ट्रैक्टर जाम में ही फंसे हैं। पानीपत की तरफ से ट्रैक्टर आने का सिलसिला शाम तक जारी रहा। बताया गया है कि मुरथल तक फंसे ट्रैक्टर शाम तक कुडली क्षेत्र की तरफ बढ़ रहे हैं। जाम के कारण हजारों ट्रैक्टर दिल्ली परेड में नहीं जा सके। बता दें कि सोनीपत क्षेत्र में दिनभर शांति व्यवस्था बनी रही। यहां किसी तरह का गतिरोध सामने नहीं आया।
टीकरी बॉर्डर पर भी लौटे किसान
दिल्ली में हिंसा और झड़प के बाद मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे पंजाब और हरियाणा के किसान टिकरी बॉर्डर पर लौटने लगे। वापस लौटे किसानों से जब लाल किला प्रकरण पर पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। केवल इतना कहा कि उनका मकसद किसान आंदोलन को मजबूत करना था और वह अपने मकसद में कामयाब रहे।
झज्जर निवासी जोगेंद्र का कहना है कि ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों में जबरदस्त उत्साह था। ज्यादातर किसान तो दिल्ली पहुंच ही नहीं सके। वापस रास्ते से ही लौट रहे हैं। फाजिल्का से आए गुरप्रीत सिंह ने कहा कि वे किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष हैं, किसानों ने दिल्ली में शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर परेड निकाल ली। दिल्ली पुलिस को लाठीचार्ज नहीं करना चाहिए था। पंजाब के किसान सुखपाल सिंह का कहना है कि वे 23 जनवरी को टिकरी बॉर्डर पर आए थे। आज ट्रैक्टर परेड में नहीं जा सके। क्योंकि बहुत ज्यादा भीड़ थी।
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