न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 18 Jan 2021 04:19 AM IST
स्कूल हैं तैयार…
– फोटो : अमर उजाला
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कोरोना महामारी के कारण बीते 10 माह से बंद दिल्ली के स्कूल आज से दसवीं और बारहवीं के बच्चों के लिए खुल जाएंगे। कुछ स्कूल आज खुलेंगे तो कुछ ने सप्ताह के अंत में खोलने का फैसला किया है। स्कूलों ने दो दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।
स्कूलों में प्रार्थना सभा (असबेंली) नहीं होगी, न ही कैंटीन खोली जाएगी। इसके अलावा स्कूल प्रशासन परिवहन की भी सुविधा नहीं देगा। विद्यालयों में बच्चों को भेजने के लिए 60 से 80 फीसदी अभिभावकों ने अपनी मंजूरी दे दी है। एक कक्षा को दो ग्रुप में बांटा गया है। इस तरह से 10 से 15 बच्चे ही एक कक्षा में बैठ पाएंगे।
लिटिल फ्लॉवर ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रोहित दुआ ने बताया कि दसवीं-बारहवीं के लगभग 80 फीसदी बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल भेजने की मंजूरी दी है। स्कूल पहुंचने के लिए सुबह 8.30 बजे का समय रखा गया है। 9 बजे से कक्षाओं की शुरुआत होगी और 12.30 बजे खत्म हो जाएगी।
इससे पहले कक्षाओं व स्कूल को सैनिटाइज कर दिया गया है। एक दिन में 50 फीसदी बच्चे ही स्कूल पहुंचेंगे। सरकार की ओर से दी गई एसओपी का पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा। बच्चों की सुरक्षा व सेहत के साथ कोई लापरवाही नहीं की जाएगी।
डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल वंदना कपूर ने बताया कि स्कूल गुरुवार से खोलेंगे ताकि स्कूल को सरकार की ओर दी गई एसओपी के हिसाब से तैयारी करने का अवसर मिल जाए। स्कूल में शनिवार व रविवार को सफाई व सैनिटाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दसवीं व बारहवीं के 95 फीसदी बच्चों के अभिभावकों की ओर से स्कूल भेजने की प्रतिक्रिया मिली है।
25-30 फीसदी अभिभावकों ने स्कूल नहीं भेजने के लिए कहा है, जबकि 60-65 फीसदी ने स्कूल भेजने की हामी भरी है। अभी हम प्रैक्टिकल की तैयारी कराएंगे। इसके बाद थ्योरी की शुरुआत होगी। प्रार्थना सभा नहीं होगी और कैंटीन नहीं खोली जाएगी। बच्चों को लंच लेकर आना होगा।
थोड़ा सर्दी कम होने पर बच्चों के लिए योग व प्राणायाम की गतिविधि भी कराएंगे। एक कक्षा में आधे बच्चों को ही बुलाया जाएगा। स्कूल परिसर में बच्चों के लिए सामाजिक दूरी का खास ख्याल रखा जाएगा। स्कूल गेट पर भीड़ ना होने पाए इसका भी ध्यान रखेंगे।
काफी स्कूल ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं देंगे
स्कूलों ने बच्चों को फिलहाल ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं देने का फैसला किया है। इस कारण से बच्चों को खुद ही स्कूल आना होगा। इस संबंध में अभिभावकों को बता दिया गया है। स्कूलों का कहना है कि बस में सामाजिक दूरी का पालन कराना मुश्किल हो जाएगा।
वहीं कुछ ही अभिभावक बस या वैन से भेजना चाह रहे हैं तो एक दो बच्चे के लिए पूूरी बस की व्यवस्था करना अभी मुश्किल होगा। हालांकि कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जहां अभिभावकों ने उन्हें वैन या बस की व्यवस्था करने के लिए कहा है, जिसके लिए स्कूलों ने ऐसे बच्चों का एक ग्रुप बना दिया है, जिन्हें बाद में बता दिया जाएगा।
कोरोना महामारी के कारण बीते 10 माह से बंद दिल्ली के स्कूल आज से दसवीं और बारहवीं के बच्चों के लिए खुल जाएंगे। कुछ स्कूल आज खुलेंगे तो कुछ ने सप्ताह के अंत में खोलने का फैसला किया है। स्कूलों ने दो दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।
स्कूलों में प्रार्थना सभा (असबेंली) नहीं होगी, न ही कैंटीन खोली जाएगी। इसके अलावा स्कूल प्रशासन परिवहन की भी सुविधा नहीं देगा। विद्यालयों में बच्चों को भेजने के लिए 60 से 80 फीसदी अभिभावकों ने अपनी मंजूरी दे दी है। एक कक्षा को दो ग्रुप में बांटा गया है। इस तरह से 10 से 15 बच्चे ही एक कक्षा में बैठ पाएंगे।
लिटिल फ्लॉवर ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रोहित दुआ ने बताया कि दसवीं-बारहवीं के लगभग 80 फीसदी बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल भेजने की मंजूरी दी है। स्कूल पहुंचने के लिए सुबह 8.30 बजे का समय रखा गया है। 9 बजे से कक्षाओं की शुरुआत होगी और 12.30 बजे खत्म हो जाएगी।
इससे पहले कक्षाओं व स्कूल को सैनिटाइज कर दिया गया है। एक दिन में 50 फीसदी बच्चे ही स्कूल पहुंचेंगे। सरकार की ओर से दी गई एसओपी का पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा। बच्चों की सुरक्षा व सेहत के साथ कोई लापरवाही नहीं की जाएगी।
डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल वंदना कपूर ने बताया कि स्कूल गुरुवार से खोलेंगे ताकि स्कूल को सरकार की ओर दी गई एसओपी के हिसाब से तैयारी करने का अवसर मिल जाए। स्कूल में शनिवार व रविवार को सफाई व सैनिटाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दसवीं व बारहवीं के 95 फीसदी बच्चों के अभिभावकों की ओर से स्कूल भेजने की प्रतिक्रिया मिली है।
25-30 फीसदी अभिभावकों ने स्कूल नहीं भेजने के लिए कहा है, जबकि 60-65 फीसदी ने स्कूल भेजने की हामी भरी है। अभी हम प्रैक्टिकल की तैयारी कराएंगे। इसके बाद थ्योरी की शुरुआत होगी। प्रार्थना सभा नहीं होगी और कैंटीन नहीं खोली जाएगी। बच्चों को लंच लेकर आना होगा।
थोड़ा सर्दी कम होने पर बच्चों के लिए योग व प्राणायाम की गतिविधि भी कराएंगे। एक कक्षा में आधे बच्चों को ही बुलाया जाएगा। स्कूल परिसर में बच्चों के लिए सामाजिक दूरी का खास ख्याल रखा जाएगा। स्कूल गेट पर भीड़ ना होने पाए इसका भी ध्यान रखेंगे।
काफी स्कूल ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं देंगे
स्कूलों ने बच्चों को फिलहाल ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं देने का फैसला किया है। इस कारण से बच्चों को खुद ही स्कूल आना होगा। इस संबंध में अभिभावकों को बता दिया गया है। स्कूलों का कहना है कि बस में सामाजिक दूरी का पालन कराना मुश्किल हो जाएगा।
वहीं कुछ ही अभिभावक बस या वैन से भेजना चाह रहे हैं तो एक दो बच्चे के लिए पूूरी बस की व्यवस्था करना अभी मुश्किल होगा। हालांकि कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जहां अभिभावकों ने उन्हें वैन या बस की व्यवस्था करने के लिए कहा है, जिसके लिए स्कूलों ने ऐसे बच्चों का एक ग्रुप बना दिया है, जिन्हें बाद में बता दिया जाएगा।
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