सीरिया में बस पर हमला (सांकेतिक)
– फोटो : सोशल मीडिया
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दक्षिण सीरिया में एक बस पर बुधवार को हुए हमले में कम से कम 28 यात्रियों की मौत हो गई। सीरिया की सरकारी समाचार समिति ने यह खबर दी है। सरकारी समाचार समिति साना ने बताया कि जिस वक्त यह ‘आतंकवादी हमला’ हुआ उस समय बस सीरिया के दक्षिणी देर अल जोर प्रांत के कोबाज्जेप में थी।
अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में एक समय इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का नियंत्रण था। इलाके से पकड़ छूटने के बाद भी संगठन यहां सक्रिय है।
बता दें कि दिसंबर महीने की शुरुआत में वैश्विक रासायनिक हथियार निगरानी संस्था ने रासायनिक शस्त्र उत्पादन इकाई के बारे में नहीं बताने तथा अन्य 18 मुद्दों पर जवाब नहीं देने पर सीरिया की आलोचना की थी। वहीं रूस ने निगरानी संस्था पर अपने करीबी सहयोगी सीरिया के खिलाफ राजनीतिक युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया था।
सीरिया के रासायनिक हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक बैठक में 11 दिसंबर को विवाद सामने आया, जहां ‘रासायनिक शस्त्र रोकथाम संगठन’ (ओपीसीडब्ल्यू) के महासचिव फर्नांडो अरियास ने मई के बाद से पहली बार सदस्यों को संबोधित किया।
अरियास ने कहा कि सीरिया ने 2013 में रासायनिक शस्त्र समझौते की सदस्यता ली थी और सात साल बाद भी उसके प्रारंभिक रासायनिक घोषणापत्र में अनसुलझे अंतराल, विसंगतियां और असमानताएं हैं। इसे अब भी पूरी तरह ठीक और संपूर्ण नहीं माना जा सकता।
अरियास ने डिजिटल बैठक में कहा था कि 19 मुद्दों में से एक रासायनिक हथियार उत्पादन इकाई से संबंधित है, जो राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के मुताबिक, कभी हथियारों के उत्पादन के काम नहीं आई, लेकिन ओपीसीडब्ल्यू द्वारा जुटाई गई सामग्री और नमूनों में संकेत मिलता है कि रासायनिक युद्ध नर्व एजेंट का उत्पादन या शस्त्रीकरण हुआ है।
दक्षिण सीरिया में एक बस पर बुधवार को हुए हमले में कम से कम 28 यात्रियों की मौत हो गई। सीरिया की सरकारी समाचार समिति ने यह खबर दी है। सरकारी समाचार समिति साना ने बताया कि जिस वक्त यह ‘आतंकवादी हमला’ हुआ उस समय बस सीरिया के दक्षिणी देर अल जोर प्रांत के कोबाज्जेप में थी।
अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में एक समय इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का नियंत्रण था। इलाके से पकड़ छूटने के बाद भी संगठन यहां सक्रिय है।
बता दें कि दिसंबर महीने की शुरुआत में वैश्विक रासायनिक हथियार निगरानी संस्था ने रासायनिक शस्त्र उत्पादन इकाई के बारे में नहीं बताने तथा अन्य 18 मुद्दों पर जवाब नहीं देने पर सीरिया की आलोचना की थी। वहीं रूस ने निगरानी संस्था पर अपने करीबी सहयोगी सीरिया के खिलाफ राजनीतिक युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया था।
सीरिया के रासायनिक हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक बैठक में 11 दिसंबर को विवाद सामने आया, जहां ‘रासायनिक शस्त्र रोकथाम संगठन’ (ओपीसीडब्ल्यू) के महासचिव फर्नांडो अरियास ने मई के बाद से पहली बार सदस्यों को संबोधित किया।
अरियास ने कहा कि सीरिया ने 2013 में रासायनिक शस्त्र समझौते की सदस्यता ली थी और सात साल बाद भी उसके प्रारंभिक रासायनिक घोषणापत्र में अनसुलझे अंतराल, विसंगतियां और असमानताएं हैं। इसे अब भी पूरी तरह ठीक और संपूर्ण नहीं माना जा सकता।
अरियास ने डिजिटल बैठक में कहा था कि 19 मुद्दों में से एक रासायनिक हथियार उत्पादन इकाई से संबंधित है, जो राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के मुताबिक, कभी हथियारों के उत्पादन के काम नहीं आई, लेकिन ओपीसीडब्ल्यू द्वारा जुटाई गई सामग्री और नमूनों में संकेत मिलता है कि रासायनिक युद्ध नर्व एजेंट का उत्पादन या शस्त्रीकरण हुआ है।
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