एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Sun, 17 Jan 2021 12:53 PM IST
File Photo : एक कार्यक्रम में भाषण देतीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेज छात्रों को जेल जाना चाहिए। यह बात उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने कही है। हैरान मत होइए, यह कोई सजा देने का मामला नहीं है। यह शोध परक अध्ययन को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को एक बेहतर नागरिक बनाने के लिए राज्यपाल की ओर से दिया गया एक सुझाव है। एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह सुझाव दिए हैं।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को एकेटीयू यानी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए नारी निकेतन और जेलों की यात्रा की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे उन परिस्थितियों को सीखें, जिनके तहत कैदियों ने अपराध किए और विद्यार्थी भविष्य में उनकी कदमों से बच सके।
राज्यपाल ने एकेटीयू के 18 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, जब छात्रों को इस प्रकार का अनुभव प्राप्त होगा, तो वे अपराध करने से बचेंगे और हमारी अगली पीढ़ी स्वस्थ और मजबूत मानसिकता के साथ आगे बढ़ेगी। राज्यपाल ने कहा, विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों के बारे में बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। जेलों और नारी निकेतन में छात्र-छात्राओं के जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे जान सकें कि उन्होंने किन परिस्थितियों में अपराध किए और उसके परिणास्वरुप वे जेल में आए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कुलपति को सभी छात्र-छात्राओं का रक्त परीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, हमें अपनी बेटियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना है। इसलिए, उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए सभी संभव उपाय करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी है कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया जाए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिए एक विशेष अवसर है, लेकिन डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। विश्वविद्यालय छात्रों को इस इच्छा के साथ डिग्री प्रदान करता है कि वे अब राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेज छात्रों को जेल जाना चाहिए। यह बात उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने कही है। हैरान मत होइए, यह कोई सजा देने का मामला नहीं है। यह शोध परक अध्ययन को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को एक बेहतर नागरिक बनाने के लिए राज्यपाल की ओर से दिया गया एक सुझाव है। एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह सुझाव दिए हैं।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को एकेटीयू यानी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए नारी निकेतन और जेलों की यात्रा की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे उन परिस्थितियों को सीखें, जिनके तहत कैदियों ने अपराध किए और विद्यार्थी भविष्य में उनकी कदमों से बच सके।
राज्यपाल ने एकेटीयू के 18 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, जब छात्रों को इस प्रकार का अनुभव प्राप्त होगा, तो वे अपराध करने से बचेंगे और हमारी अगली पीढ़ी स्वस्थ और मजबूत मानसिकता के साथ आगे बढ़ेगी। राज्यपाल ने कहा, विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों के बारे में बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। जेलों और नारी निकेतन में छात्र-छात्राओं के जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे जान सकें कि उन्होंने किन परिस्थितियों में अपराध किए और उसके परिणास्वरुप वे जेल में आए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कुलपति को सभी छात्र-छात्राओं का रक्त परीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, हमें अपनी बेटियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना है। इसलिए, उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए सभी संभव उपाय करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी है कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया जाए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिए एक विशेष अवसर है, लेकिन डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। विश्वविद्यालय छात्रों को इस इच्छा के साथ डिग्री प्रदान करता है कि वे अब राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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