संवाद न्यूज एजेंसी, हलवारा/लुधियाना (पंजाब)
Updated Mon, 11 Jan 2021 01:56 PM IST
हलवारा में इंसाफ की आस में बैठे बुजुर्ग।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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बिहार रेजीमेंट के हवलदार बिजेंद्र सिंह के बुजुर्ग मां-पिता लुधियाना में जान की सुरक्षा के लिए सेना और पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। तीन महीने पहले खेम सिंह (70) और मायाजाट (60) को घसीटकर पीटने वाले कांग्रेस समर्थक दबंगों पर कार्रवाई करने की जगह उन पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
17 अक्तूबर 2020 को गांव में सीवर लाइन डालने को लेकर पड़ोसी नसीब कौर से उनका मामूली झगड़ा हो गया था। इसके बाद दाखा गांव की महिला सरपंच के पति जतिंदर सिंह ने अपने दो भाइयों सतिंदर सिंह, दविंदर सिंह के साथ उन्हें गली में घसीटकर पीटा था। उनके केश एवं धार्मिक चिन्हों की बेअदबी की थी। मारपीट में दोनों बुरी तरह घायल हो गए थे। खेम सिंह की तीन पसलियां टूट गई थीं। तीन दब गई थीं। डॉक्टरी रिपोर्ट और बुजुर्ग दंपती की शिकायत के बावजूद दाखा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आरोपियों ने उनकी बाइक भी तोड़ दी थी जो अब भी गली में खड़ी है। पीड़ित दंपती ने तीन नवंबर को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पंजाब राज्य महिला आयोग, डीसी और एसएसपी लुधियाना ग्रामीण को पत्र लिखकर इंसाफ की मांग की थी। इसके अलावा उनके बेटे बिजेंद्र सिंह ने बिहार रेजीमेंट के जरिये भी लुधियाना ग्रामीण जिला पुलिस को कार्रवाई के लिए सिफारिश की। खेम सिंह की सेहत बिगड़ने के कारण मायाजाट तीन महीने से लुधियाना सैनिक भलाई दफ्तर से लेकर पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं।
पीड़ित दंपती ने बताया कि उन्हें आरोपियों से जान का खतरा है। वह दाखा में एक एनआरआई के पशु घर में गुजर बसर कर रहे हैं। अब गांव के यह दबंग उस एनआरआई पर उन्हें निकालने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने दाखा के कांग्रेस प्रमुख कैप्टन संदीप संधू से भी कई बार फरियाद की लेकिन वहां से भी निराशा ही मिली।
बिहार रेजीमेंट के हवलदार बिजेंद्र सिंह के बुजुर्ग मां-पिता लुधियाना में जान की सुरक्षा के लिए सेना और पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। तीन महीने पहले खेम सिंह (70) और मायाजाट (60) को घसीटकर पीटने वाले कांग्रेस समर्थक दबंगों पर कार्रवाई करने की जगह उन पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
17 अक्तूबर 2020 को गांव में सीवर लाइन डालने को लेकर पड़ोसी नसीब कौर से उनका मामूली झगड़ा हो गया था। इसके बाद दाखा गांव की महिला सरपंच के पति जतिंदर सिंह ने अपने दो भाइयों सतिंदर सिंह, दविंदर सिंह के साथ उन्हें गली में घसीटकर पीटा था। उनके केश एवं धार्मिक चिन्हों की बेअदबी की थी। मारपीट में दोनों बुरी तरह घायल हो गए थे। खेम सिंह की तीन पसलियां टूट गई थीं। तीन दब गई थीं। डॉक्टरी रिपोर्ट और बुजुर्ग दंपती की शिकायत के बावजूद दाखा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आरोपियों ने उनकी बाइक भी तोड़ दी थी जो अब भी गली में खड़ी है। पीड़ित दंपती ने तीन नवंबर को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पंजाब राज्य महिला आयोग, डीसी और एसएसपी लुधियाना ग्रामीण को पत्र लिखकर इंसाफ की मांग की थी। इसके अलावा उनके बेटे बिजेंद्र सिंह ने बिहार रेजीमेंट के जरिये भी लुधियाना ग्रामीण जिला पुलिस को कार्रवाई के लिए सिफारिश की। खेम सिंह की सेहत बिगड़ने के कारण मायाजाट तीन महीने से लुधियाना सैनिक भलाई दफ्तर से लेकर पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं।
पीड़ित दंपती ने बताया कि उन्हें आरोपियों से जान का खतरा है। वह दाखा में एक एनआरआई के पशु घर में गुजर बसर कर रहे हैं। अब गांव के यह दबंग उस एनआरआई पर उन्हें निकालने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने दाखा के कांग्रेस प्रमुख कैप्टन संदीप संधू से भी कई बार फरियाद की लेकिन वहां से भी निराशा ही मिली।
यह गंभीर मामला है। पीड़ित दंपती उनसे आकर मिले, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा। दाखा पुलिस की भूमिका की भी जांच होगी। -चरणजीत सिंह सोहल, एसएसपी लुधियाना, ग्रामीण
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