जम्मू-कश्मीर में भारी हिमपात प्राकृतिक आपदा घोषित, कई घर जमींदोज, बुनियादी सेवाएं प्रभावित

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Updated Mon, 11 Jan 2021 02:09 AM IST
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प्राकृतिक आपदा घोषित होने से अब बचाव कार्यों में तेजी के साथ बर्फबारी से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में आसानी होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कश्मीर के सभी जिला उपायुक्तों और एसएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों से वर्चुअल बैठक कर बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य तेज करने के आदेश दिए।
बैठक में उपराज्यपाल ने भारी बर्फबारी से लोगों को पेश आ रही समस्याओं को हल करने के लिए प्रशासन की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि छोटे बचाव वाहनों की कमी के कारण लोगों को चिकित्सा सेवाएं मिलने में देरी हो रही है। दूरदराज और संकरे रास्तों वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा समस्या आ रही है। एलजी ने अधिकारियों को बचाव वाहन व एंबुलेंस तत्काल मुहैया करवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को और अधिक जवाबदेही और संवेदनशीलता के साथ सेवाएं देने पर जोर दिया। उपराज्यपाल ने मुश्किल हालात में भी कर्मचारियों के 24 घंटे जन समस्याओं का हल करने के लिए कार्य करने के प्रयायों को भी सराहा। उन्होंने मीडिया रिपोर्टों, सोशल मीडिया पोस्टों पर अफसरों को संज्ञान लेने और कमियों को दूर करने के निर्देश भी दिए। अधिकारियों को हालात पर करीब नजर रखने को कहा ताकि लोगों को असुविधा न हो।
जिला स्तर पर बिजली व सड़कों की स्थिति, पेयजल और जरूरी पदार्थों की आपूर्ति के साथ बर्फ हटाने के कार्य की भी समीक्षा की। इस अवसर पर सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, विद्युत विकास विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल, लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव शैलेंद्र कुमार, मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोले व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
उच्च पर्वतीय इलाकों, कश्मीर घाटी में अभी भी दुश्वारियां
जम्मू संभाग के उच्च पर्वतीय इलाकों और कश्मीर घाटी के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ होने के बाद भी दुश्वारियां बरकरार हैं। जम्मू संभाग में खासकर पीर पंजाल से सटे पुंछ, राजोरी, चिनाब घाटी से सटे रामबन, डोडा और किश्तवाड़ के उच्च पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। इसी तरह से कश्मीर घाटी के ज्यादातर जिलों में बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। बड़ी संख्या में घर जमींदोज हो गए हैं। बागवानों को भी नुकसान हुआ है। बिजली ढांचा समेत अन्य बुनियादी सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
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