चीन पर किसी भी सूरत में पूरी तरह नहीं किया जा सकता भरोसा: अता हसनैन

चीन द्वारा जारी किए गए वीडियो का एक दृश्य
– फोटो : twitter.com/shen_shiwei
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सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) अता हसनैन के मुताबिक, चीन की बात पर किसी भी सूरत में भरोसा करना उचित नहीं। खासतौर पर इस नाजुक मौके पर यह उम्मीद की जा रही थी कि चीन कुछ न कुछ कारगुजारी जरूर करेगा। लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन ने सेना को पहले ही आगाह कर रखा है कि पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान चीन गलवां जैसी हरकत दोहरा सकता है।
सेना के नीतिकारों का मानना है कि दरअसल चीन ने यह वीडियो जारी कर अपनी इमेज के डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। साथ ही वह भारतीय सेना को आक्रामक साबित करने की कोशिश कर रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, जून 2020 में हुई इस घटना के बाद चीन ने गलवां में अपने सैनिकों की मौत पर चुप्पी साधे रखी। इस दौरान शीर्षस्थ मंत्रियों ने हिंसक हालात के लिए भारत को ही दोषी ठहराया।
भारत ने कई बार कहा कि उस हिंसक वारदात के लिए चीन की हठी प्रवृत्ति जिम्मेदार है और उस वारदात में चीन के 40 से उपर सैनिक मारे गए। आठ महीने तक चीन ने कुछ भी नहीं कहा, लेकिन जब उसके मित्र माने जाने वाले देश रूस ने तीन दिन पहले 45 चीनी सैनिकों के मारे जाने की बाती की तो चीन के लिए चुप रहना कूटनीतिक लिहाज से भारी पड़ गया। अब चीन यह वीडियो जारी कर एक तीर से दो निशाने की कोशिश में है। पहला अपनी इमेज को ठीक करे और दूसरा गलवां हिंसक वारदात के लिए भारतीय सेना के आक्रामक रवैये को जिम्मेदार ठहराए।
सार
- कोर कमांडर बातचीत के ठीक पहले चीन ने वीडियो जारी कर इमेज के डैमेज कंट्रोल की कोशिश की
- गलवां की हिंसक वारदात के लिए भारतीय सेना के रवैये को जिम्मेदार ठहराने की चीन की चाल
विस्तार
सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) अता हसनैन के मुताबिक, चीन की बात पर किसी भी सूरत में भरोसा करना उचित नहीं। खासतौर पर इस नाजुक मौके पर यह उम्मीद की जा रही थी कि चीन कुछ न कुछ कारगुजारी जरूर करेगा। लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन ने सेना को पहले ही आगाह कर रखा है कि पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान चीन गलवां जैसी हरकत दोहरा सकता है।
सेना के नीतिकारों का मानना है कि दरअसल चीन ने यह वीडियो जारी कर अपनी इमेज के डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। साथ ही वह भारतीय सेना को आक्रामक साबित करने की कोशिश कर रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, जून 2020 में हुई इस घटना के बाद चीन ने गलवां में अपने सैनिकों की मौत पर चुप्पी साधे रखी। इस दौरान शीर्षस्थ मंत्रियों ने हिंसक हालात के लिए भारत को ही दोषी ठहराया।
भारत ने कई बार कहा कि उस हिंसक वारदात के लिए चीन की हठी प्रवृत्ति जिम्मेदार है और उस वारदात में चीन के 40 से उपर सैनिक मारे गए। आठ महीने तक चीन ने कुछ भी नहीं कहा, लेकिन जब उसके मित्र माने जाने वाले देश रूस ने तीन दिन पहले 45 चीनी सैनिकों के मारे जाने की बाती की तो चीन के लिए चुप रहना कूटनीतिक लिहाज से भारी पड़ गया। अब चीन यह वीडियो जारी कर एक तीर से दो निशाने की कोशिश में है। पहला अपनी इमेज को ठीक करे और दूसरा गलवां हिंसक वारदात के लिए भारतीय सेना के आक्रामक रवैये को जिम्मेदार ठहराए।