न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Mon, 04 Jan 2021 04:38 PM IST
रविकांत शर्मा, फर्मिला और महेश इंदर सिंह।
– फोटो : अमर उजाला
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भाजपा ने दोपहर बाद महापौर पद के लिए अपने पत्ते खोल दिये हैं। भाजपा की ओर से रविकांत शर्मा को महापौर पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं महेश इंदर सिंह को सीनियर डिप्टी मेयर व फर्मिला को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। शाम चार बजे तीनों उम्मीदवार फार्म भरने पहुंचे। आठ जनवरी को होने वाले मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए सोमवार को नामांकन भरा गया।
भाजपा के उम्मीदवारों ने नाम की घोषणा के बाद तत्काल फार्म भरा, वहीं कांग्रेस की ओर से देवेंदर सिंह बबला मेयर, रविंदर कौर गुजराल सीनियर डिप्टी मेयर व सतीश कैथ डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार पहले ही तय हो चुके थे।
इससे पहले रविवार से ही भाजपा की ओर से प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, संगठन मंत्री दिनेश कुमार और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद नाम को लेकर मंथन कर रहे थे। इसे लेकर देर शाम एक बैठक भी हुई। बगावत के डर से भाजपा ने हर साल की तरह इस बार भी नामांकन से कुछ देर पहले ही नामों की घोषणा की। अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी और क्रॉस वोटिंग को रोकने की होगी।
रविकांत शर्मा मूलरूप से हिमाचल के ऊना निवासी हैं। 1984 में ऊना कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1996 में चंडीगढ़ भाजपा से जुड़े। संजय टंडन के करीबी होने के कारण 2006 से 2009 तक मंडल अध्यक्ष, 2012 में महामंत्री और उसके बाद छह साल जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। इस बीच 2016 मे पार्षद का चुनाव भी जीता।
महेश इंदर सिंह
पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी छात्र राजनीति शुरू करने वाले महेश इंदर सिंह 2006-07 में युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में रहे। उसके बाद प्रदेश महासचिव, महामंत्री रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2013 में अनुराग ठाकुर के साथ युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी शामिल रहे। युवा शक्ति को बल देने का भरोसा देने पर संगठन ने 2016 में पार्षद की जिम्मेदारी सौंपी।
भाजपा में बगावत शुरू
मेयर पद के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होते ही भाजपा में बगावत शुरू हो गई। पार्षद चंद्रावती शुक्ला ने कहा कि हर बार आश्वासन देकर मामले को टाल दिया जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। तभी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने पहुंचकर मामले को शांत करने का प्रयास किया।
चंद्रावती शुक्ला ने कहा कि जब भीड़ जुटाने की जरूरत होती है तो कालोनी व पूर्वांचल के पार्षद याद आते हैं। जिम्मेदारी देने के वक्त उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। इसके बाद चंद्रावती शुक्ला ने आजाद उम्मीदवार के रूप में मेयर पद के लिए भरा फार्म।
भाजपा ने दोपहर बाद महापौर पद के लिए अपने पत्ते खोल दिये हैं। भाजपा की ओर से रविकांत शर्मा को महापौर पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं महेश इंदर सिंह को सीनियर डिप्टी मेयर व फर्मिला को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। शाम चार बजे तीनों उम्मीदवार फार्म भरने पहुंचे। आठ जनवरी को होने वाले मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए सोमवार को नामांकन भरा गया।
भाजपा के उम्मीदवारों ने नाम की घोषणा के बाद तत्काल फार्म भरा, वहीं कांग्रेस की ओर से देवेंदर सिंह बबला मेयर, रविंदर कौर गुजराल सीनियर डिप्टी मेयर व सतीश कैथ डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार पहले ही तय हो चुके थे।
इससे पहले रविवार से ही भाजपा की ओर से प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, संगठन मंत्री दिनेश कुमार और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद नाम को लेकर मंथन कर रहे थे। इसे लेकर देर शाम एक बैठक भी हुई। बगावत के डर से भाजपा ने हर साल की तरह इस बार भी नामांकन से कुछ देर पहले ही नामों की घोषणा की। अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी और क्रॉस वोटिंग को रोकने की होगी।
रविकांत शर्मा
रविकांत शर्मा मूलरूप से हिमाचल के ऊना निवासी हैं। 1984 में ऊना कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1996 में चंडीगढ़ भाजपा से जुड़े। संजय टंडन के करीबी होने के कारण 2006 से 2009 तक मंडल अध्यक्ष, 2012 में महामंत्री और उसके बाद छह साल जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। इस बीच 2016 मे पार्षद का चुनाव भी जीता।
महेश इंदर सिंह
पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी छात्र राजनीति शुरू करने वाले महेश इंदर सिंह 2006-07 में युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में रहे। उसके बाद प्रदेश महासचिव, महामंत्री रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2013 में अनुराग ठाकुर के साथ युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी शामिल रहे। युवा शक्ति को बल देने का भरोसा देने पर संगठन ने 2016 में पार्षद की जिम्मेदारी सौंपी।
भाजपा में बगावत शुरू
मेयर पद के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होते ही भाजपा में बगावत शुरू हो गई। पार्षद चंद्रावती शुक्ला ने कहा कि हर बार आश्वासन देकर मामले को टाल दिया जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। तभी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने पहुंचकर मामले को शांत करने का प्रयास किया।
चंद्रावती शुक्ला ने कहा कि जब भीड़ जुटाने की जरूरत होती है तो कालोनी व पूर्वांचल के पार्षद याद आते हैं। जिम्मेदारी देने के वक्त उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। इसके बाद चंद्रावती शुक्ला ने आजाद उम्मीदवार के रूप में मेयर पद के लिए भरा फार्म।
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