गोल्डन ग्लोब रेस 2022 की तैयारियों के लिए कमांडर अभिलाष टॉमी ने ली सेवानिवृत्ति

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अभिलाष ने रविवार को अपने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, ‘मैंने भारतीय नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी, उसे अब मंजूरी मिल गई है। मैं अब 18 महीने बाद होने वाली गोल्डन ग्लोब रेस 2022 की तैयारी करूंगा।’ उन्होंने यह भी बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए एक बड़े प्रयोजक की जरूरत है, जिसके लिए वे कुछ बड़े औद्योगिक घरानों या ग्रुप से मदद लेने की बात कर रहे हैं।
2008 में सुर्खियों में रहे
नौसेना के अधिकारी अभिलाष टॉमी 2018 में तब सुर्खियों में आए जब पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तट से 3,200 किमी दूर भारी तूफान में जहाज का मस्तूल टूटने के कारण वे डूब गए थे। अभिलाष को एक फ्रांसीसी नौसैनिक दल ने बचाया था और उन्हें काफी चोटें आई थीं।
2013 में लगाया पूरी दुनिया का चक्कर
इससे पहले, 2013 में अपनी बोट आईएनएस मेहदी से उन्होंने अकेले 150 दिनों में दुनिया का चक्कर लगाया था। इस दौरान उन्होंने 100 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की रफ्तार से चलने वाली हवाओं और 9-12 फीट ऊंची लहरों को मात देकर खासी सराहना बटोरी थी। उनकी यह एकल यात्रा 1 नवंबर, 2012 को गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई थी और 23,100 समुद्री मील की यात्रा पूरी कर 31 मार्च, 2013 को वे वापस गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचे थे।
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने किया था स्वागत
तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 6 अप्रैल 2013 को गेटवे ऑफ इंडिया पर उनका औपचारिक स्वागत किया था। राष्ट्रपति ने कहा था, समुद्र पर 150 दिनों की लंबी यात्रा करने के दौरान दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक महासागरों को अकेले, बिना रुके पार करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
2013 में कीर्ति चक्र, 2019 में नौसेना पदक
अभिलाष को 2013 में कीर्ति चक्र दिया गया था। यह पुरस्कार पाने वाले वे दूसरे नौसेना अधिकारी हैं। वहीं 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नौसेना पदक से भी सम्मानित किया।
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