गलवां झड़प के बाद चीन ने विश्वास खोया: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर
– फोटो : twitter.com/DrSJaishankar
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जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनातनी पर कहा, पिछले साल बिना किसी स्पष्ट कारण के चीन सीमा के एक हिस्से पर बड़ी सेना के साथ पहुंचा। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जब हमने उन्हें आते देखा तो जाहिर तौर पर हम भी आगे बढ़े।
इससे एलएसी पर कई जगहों पर संघर्ष हुआ। 45 साल बाद आप वास्तव में सीमा पर रक्तपात कर चुके थे। इसका जनमत और राजनीतिक रूप से काफी असर हुआ। चीन ने भरोसा खोया और दोनों देशों के संबंध खराब हुए।
जयशंकर ने कहा, बीते कुछ वर्षों में अमेरिका और भारत के रिश्ते उभार पर हैं और बाइडन प्रशासन में भी इनमें विस्तार जारी रहेगा। जयशंकर ने कहा, मैं जब आज की चुनौतियों को देखता हूं तो अमेरिका हमारे अहम भागीदारों में रहने वाला है। मुझे विश्वास है कि हम इन संबंधों को और बेहतर बनाएंगे। संरचनात्मक रूप अमेरिका के साथ रिश्ते बेहद ध्वनिमय हैं।
विदेशमंत्री ने कहा कि अगर बाइडन प्रशासन की ओर से मुक्त व्यापार को लेकर हमें कोई न्योता मिलता है तो हम इसका सकारात्मक जवाब देंगे।
जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनातनी पर कहा, पिछले साल बिना किसी स्पष्ट कारण के चीन सीमा के एक हिस्से पर बड़ी सेना के साथ पहुंचा। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जब हमने उन्हें आते देखा तो जाहिर तौर पर हम भी आगे बढ़े।
इससे एलएसी पर कई जगहों पर संघर्ष हुआ। 45 साल बाद आप वास्तव में सीमा पर रक्तपात कर चुके थे। इसका जनमत और राजनीतिक रूप से काफी असर हुआ। चीन ने भरोसा खोया और दोनों देशों के संबंध खराब हुए।
जयशंकर ने कहा, बीते कुछ वर्षों में अमेरिका और भारत के रिश्ते उभार पर हैं और बाइडन प्रशासन में भी इनमें विस्तार जारी रहेगा। जयशंकर ने कहा, मैं जब आज की चुनौतियों को देखता हूं तो अमेरिका हमारे अहम भागीदारों में रहने वाला है। मुझे विश्वास है कि हम इन संबंधों को और बेहतर बनाएंगे। संरचनात्मक रूप अमेरिका के साथ रिश्ते बेहद ध्वनिमय हैं।
विदेशमंत्री ने कहा कि अगर बाइडन प्रशासन की ओर से मुक्त व्यापार को लेकर हमें कोई न्योता मिलता है तो हम इसका सकारात्मक जवाब देंगे।
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