न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली/दावोस
Updated Wed, 27 Jan 2021 12:48 AM IST
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अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलीन जार्जीएवा ने कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ती असामानता पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सतत और संतुलित पुनरूद्धार के लिये हर किसी का चाहे वह कंपनी हो या फिर सरकार अथवा केंद्रीय बैंक सभी की मदद की जरूरत है।
विश्व आर्थिक मंच की ‘ऑनलाइन’ दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुद्राकोष ने 2021 के लिये वैश्विक वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो पूर्व के अनुमान के मुकाबले अधिक है। आईएमएफ प्रमुख ने निम्न आय वर्ग की श्रेणी में आने वाले देशों की मदद के लिये कदम उठाने का भी आह्वान किया है।
उन्होंने एक परिचर्चा में कहा कि बड़े देशों ने संकट के दौरान उससे निपटने के लिये जीडीपी के 20 प्रतिशत तक की मदद प्रदान की जबकि गरीब देशों में यह उनके जीडीपी का केवल 2 प्रतिशत रहा। और उनका जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का आकार भी छोटा है। यह परेशान करने वाला है। जीर्जीएवा ने कहा कि सतत और संतुलित पुनरूद्धार के लिये हर किसी का चाहे वह कंपनी हो या फिर सरकार अथवा केंद्रीय बैंक सभी की मदद की जरूरत है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलीन जार्जीएवा ने कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ती असामानता पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सतत और संतुलित पुनरूद्धार के लिये हर किसी का चाहे वह कंपनी हो या फिर सरकार अथवा केंद्रीय बैंक सभी की मदद की जरूरत है।
विश्व आर्थिक मंच की ‘ऑनलाइन’ दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुद्राकोष ने 2021 के लिये वैश्विक वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो पूर्व के अनुमान के मुकाबले अधिक है। आईएमएफ प्रमुख ने निम्न आय वर्ग की श्रेणी में आने वाले देशों की मदद के लिये कदम उठाने का भी आह्वान किया है।
उन्होंने एक परिचर्चा में कहा कि बड़े देशों ने संकट के दौरान उससे निपटने के लिये जीडीपी के 20 प्रतिशत तक की मदद प्रदान की जबकि गरीब देशों में यह उनके जीडीपी का केवल 2 प्रतिशत रहा। और उनका जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का आकार भी छोटा है। यह परेशान करने वाला है। जीर्जीएवा ने कहा कि सतत और संतुलित पुनरूद्धार के लिये हर किसी का चाहे वह कंपनी हो या फिर सरकार अथवा केंद्रीय बैंक सभी की मदद की जरूरत है।
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