कोरोना हारेगा : टीकाकरण में ना रहे कोई चूक, जानें पूर्वाभ्यास में कहां क्या हुआ

कोरोना वैक्सीन (फाइल फोटो)
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देश के कई राज्यों में कोरोना के खात्मे के लिए की जा रही तैयारी के तहत ड्राय रन चलाया जा रहा है। टीकाकरण के लिए ड्राय रन या पूर्वाभ्यास इस वजह से जरूरी है ताकि इसमें आने वाली परेशानियों, समस्याओं और खामियों का अभी से पता लगाया जा सके। ताकि जब पूरे देश की आबादी को टीकाकरण की आवश्यकता हो तो किसी भी तरह की चूक या अड़चन ना आने पाए। बहरहाल, कोरोना वैक्सीन के पूर्वाभ्यास को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई है। सरकार ने बताया कि इसके तहत देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में के 286 स्थलों पर सत्र आयोजित किए गए। प्रशासन ने इस मॉक ड्रिल के तहत करीब 1,14,100 वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित किया। वहीं अब तक 75 लाख से अधिक लाभार्थियों को को-विन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंजीकृत किया गया है। आइए जानते हैं किस राज्य में किस प्रकार से इसको अंजाम दिया गया…
उन्होंने कहा कि मैं सभी प्रदेशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि हम प्रदेश को टीकाकरण प्रक्रिया में भी देशभर में अग्रणी रखेंगे। राज्य सरकार की प्रदेश में बिना किसी परेशानी के, तय समय में और केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक टीकाकरण की पूरी तैयारी है।
चिकित्सा विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने जयपुर के तीन केन्द्रों पर जाकर टीकाकरण के पूर्वाभ्यास की तैयारियों का जायजा लिया। महाजन ने कहा कि केन्द्र द्वारा जारी प्रोटोकाल के तहत शनिवार को राज्य के सात जिलों के 19 केन्द्रों पर टीकाकरण का पूर्वाभ्यास शुरू किया गया है और राजस्थान टीकाकरण के पहले चरण के लिये पूरी तरह तैयार है।
अजमेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के. के. सोनी ने बताया कि पहले चरण में अजमेर के लगभग बीस हजार स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीकाकरण 42 दिन के अंतराल में किया जाएगा और दूसरा टीका लगवाने के लिए मोबाइल फोन पर प्राप्त संदेश दिखाना होगा।
टीकाकरण पूर्वाभ्यास के दूसरे दौर के लिए चार जिलों आणंद, वलसाड, दाहोद और भावनगर का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्वाभ्यास में 300 स्वास्थ्य कर्मियों को डमी टीके दिए जा रहे हैं। यह अभ्यास इस उद्देश्य के लिए चयनित चार जिलों के 12 केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है।
पूर्वाभ्यास में लाभार्थियों के लिए को-विन ऐप्लीकेशन में डाटा फीड के जरिए यूजर आईडी बनाया जाता है, जिसका इस्तेमाल कर लाभार्थियों का चयन किया जाता है और टीकाकरण केंद्र के स्थान के साथ उन्हें संदेश भेजे जाते हैं। टीकाकरण के लिए कोल्ड चेन व्यवस्था पर भी नजर रखी जाती है, जिसके तहत असली टीकाकरण अभियान में किया गया सब कुछ दोहराया जाएगा।
पूर्वाभ्यास का पहला चरण 28-29 दिसंबर को गांधीनगर और राजकोट जिलों में आयोजित किया गया था। गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे ने शुक्रवार को बताया था कि राज्य सरकार ने पहले ही 16,000 टीका लगाने वालों को प्रशिक्षित किया है और वास्तविक टीकाकरण अभियान की घोषणा होने की स्थिति में अपनी तैयारी के लिए एक करोड़ टीकों की खुराक जमा करने के लिए कोल्ड चेन की अवसंरचना बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि पूर्वाभ्यास के दौरान सभी जरूरी रणनीति, नियमों के वास्तविक क्रियान्वयन, कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया आदि को परखा गया और इसमें स्वास्थ्य कर्मियों ने भी हिस्सा लिया।
हालांकि, इस दौरान किसी भी लाभार्थी को कोविड-19 का वास्तविक टीका नहीं दिया गया। सतीजा ने पूर्वाभ्यास को सफल करार दिया है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि गोवा में कोविड-19 टीके के भंडारण के लिए शीतगृह की पर्याप्त व्यवस्था है, जिसकी मंजूरी मिलनी आवश्यक है। गौरतलब है कि गोवा दो जिलों उत्तर एवं दक्षिण गोवा में बंटा हुआ है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने टीकों की खुराक को रखने के लिए और ‘आइस बैंकों’ को मंजूरी दी है। सतीजा ने कहा कि गोवा में टीके की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए निजी अस्पतालों की भी मदद ली जा रही है।
गौरतलब है कि भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकारी की विशेषज्ञ समिति (एसईसी)ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित टीके कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने की अनुशंसा की, जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी कर रहा है और अगले कुछ दिनों में टीके को लगाने का रास्ता साफ हो गया। उल्लेखनीय है एसईसी ने अपनी अनुशंसा भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को अंतिम मंजूरी के लिए भेज दी है।
यह पूर्वाभ्यास चेन्नई, तिरुवल्लूर, नीलगिरी, तिरुनेलवेली और कोयंबटूर के पांच जिलों में तीन-तीन केंद्रों पर आयोजित किया गया। सचिव ने कहा कि हमें यह सीखने को मिला कि टीकाकरण के लिए निर्धारित कक्ष बहुत बड़ा होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ के अधिकारियों ने भी इस अभियान को देखा।
आरंभिक जानकारी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 2000 कर्मियों और 510 प्रतिभागियों को शामिल करते हुए इस पूर्वाभ्यास के परिणाम संतोषजनक रहे। अब इन परिणामों के आधार पर राज्य में टीकाकरण की प्रस्तावित योजना की तैयारी करनी होगी।
जे राधाकृष्णन ने कहा कि टीकाकरण के लिए छह लाख स्वास्थ्य कर्मियों ने पहले ही पंजीकरण करा लिया है और अन्य आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी अपना पंजीकरण कराने के लिए तैयार हैं जिसके बाद बुजुर्गों और अन्य बीमारियों वाले लोगों का पंजीकरण किया जाएगा।
बता दें कि पुडुचेरी में कोरोना वायरस के सिर्फ 10 नए मामले सामने आए, जिससे शनिवार को इस वायरस के संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 38,174 हो गई। केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 की वजह से कोई मौत नहीं होने से मृतक संख्या 633 पर बनी रही।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के निदेशक एस मोहन कुमार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि शनिवार को सुबह 10 बजे समाप्त होने वाले 24 घंटों में 30 रोगियों के ठीक होने के बाद अब तक स्वस्थ हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 37,195 हो गई, जबकि अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या 346 है।
पिछले 24 घंटों में कुल 2,378 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 10 में संक्रमण का पता चला। केंद्र शासित प्रदेश में मृत्यु दर और ठीक होने की दर क्रमशः 1.66 प्रतिशत और 97.44 प्रतिशत है। अब तक 4.91 लाख नमूनों की जांच की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि आज, हम गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल, सोनापुर सिविल अस्पताल और खानपारा राज्य डिस्पेंसरी में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। यह सतत प्रक्रिया है और तब तक जारी रहेगी जब तक वास्तविक टीका हमें नहीं मिल जाता। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एनएचएम और राज्य स्वास्थ्य विभाग पूर्वाभ्यास की मौजूदा प्रक्रिया में राज्य के ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों तक आने वाले दिनों में पहुंचने की कोशिश करेंगे।
लक्ष्मणन ने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे कर्मचारियों को तैयार करना, राज्य के तंत्रों का उन्नयन और टीका पहुंचाने के ढांचों में सुधार करना है। हम नहीं चाहते हैं कि वास्तविक टीका आने पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़े। इस पूर्वाभ्यास से खामियों का पता लगाकर उसे दूर किया जाएगा। आंध्र प्रदेश, गुजरात और पंजाब के साथ असम में कोविड-19 टीके का पूर्वाभ्यास 28 दिसंबर से नलबाड़ी और सोनितपुर जिलों में शुरू हुआ।
इन दो जिलों के प्रत्येक पांच-पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर पूर्वाभ्यास अगले दिन भी जारी रहा और सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अभ्यास की निगरानी की। इस अभ्यास के तहत टीकाकरण के लाभार्थियों की सूची अपलोड की गई और सभी केंद्रों पर तैयारियों से संबंधित अभ्यास किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के राज्य निगरानी चिकित्सा अधिकारी ने कई केंद्रों का निरीक्षण किया और स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला प्रशासनों के साथ टीके से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में, सरकारी और निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मेडिकल छात्रों और आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टीका लगाया जाएगा और अब तक 3.13 लाख लोगों का इसके लिए पंजीकरण किया गया है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने यहां पेरूरक्कड़ स्थित राजकीय जिला अस्पताल में आयोजित पूर्वाभ्यास में भाग लेते हुए कहा कि राज्य सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 का टीका लगाने की शुरुआत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने हमें सूचित किया है कि राज्य को दो-तीन दिनों के भीतर टीके का पर्याप्त भंडार प्राप्त होगा। राज्य ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बाद, वरिष्ठ नागरिक टीकाकरण के लिए सरकार की प्राथमिकता सूची में हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि वायरल संक्रमण राज्य में बहुत ही नियंत्रित है जबकि यह कई अन्य राज्यों में बहुत तेजी से फैला था। शैलजा ने टीका वितरण के मामले में भी दक्षिणी राज्य को प्राथमिकता देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने के लिए इन स्वास्थ्य केन्द्रों में बुलाया गया और उन्हें डमी टीकाकरण कर 30 मिनट तक केन्द्र में प्रतीक्षा करने को कहा गया, जैसा की असली टीका लगने के बाद इसका निरीक्षण करने के लिए किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि असली टीका लगने के बाद यदि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होती है, तो उसका उपचार तुरंत किया जाएगा। इसलिए टीकाकरण के बाद व्यक्ति को 30 मिनट उसी केन्द्र में रुकना होगा। उन्होंने दावा किया,‘‘पूर्वाभ्यास के दौरान सब कुछ ठीक रहा। कोई गड़बड़ नहीं हुई।
कोल्ड चेन के जरिए ‘डमी टीकों’ को टीकाकरण केन्द्र तक सही समय पर पहुंचाया गया एवं कोविड-19 टीकाकरण के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया। अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत जब भी मध्यप्रदेश में कोविड-19 के टीके लगने की शुरुआत होगी, तो सबसे पहले करीब 20,000 से 25,000 कोरोना योद्धाओं को यह टीका लगाया जाएगा।
मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गोविंदपुरा स्वास्थ्य केन्द्र में इस पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया। सारंग ने मीडिया से कहा कि मैंने गोविंदपुरा स्वास्थ्य केन्द्र में कोविड-19 टीकाकरण के इस पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया। टीकाकरण के लिए सारी सुविधाएं चाक चौबंद हैं। प्रदेश में टीकाकरण का रोडमैप पूरी तरह से तैयार है।
अधिकारी ने बताया कि तीन केंद्रों पर कम से कम 75 लोग कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। टीकाकरण पूर्वाभ्यास के लिए उनसे अपने नाम पंजीकृत करवाने को कहा गया है। इस पूर्वाभ्यास के बाद कम से कम आधे घंटे तक उनकी सेहत पर नजर रखी जाएगी। यह राष्ट्रव्यापी पूर्वाभ्यास असल टीकाकरण कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अधिकारियों की इससे संबंधित तैयारियों का आकलन करने के लिए किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने कहा था कि दो जनवरी तक सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पूर्वाभ्यास पूरा हो जाए ताकि योजना और कार्यान्वयन के बीच जुड़ाव की जांच हो सके और चुनौतियों की पहचान की जा सके। इससे पहले टीकाकरण का पूर्वाभ्यास पंजाब, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात में 28 तथा 29 दिसंबर को हो चुका है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यहां कहा कि गुरु तेग बहादुर अस्पताल, शाहदरा, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दरियागंज और वेंकेटेश्वर अस्पताल, द्वारका दिल्ली के तीन स्थल हैं, जिसका चयन राष्ट्रीय राजधानी में टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के लिए किया गया है।
हालिया स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस (ऑनलाइन सम्मेलन) तीन चुनिंदा स्थलों पर कोविड-19 टीकाकरण के पूर्वाभ्यास को लेकर किया गया था। इन स्थानों में मध्य जिले, शाहदरा जिले और दक्षिण-पश्चिम जिले के एक-एक केंद्र शामिल हैं। फ्रीजर लगाने से लेकर इस पूरी प्रक्रिया के लिए कोल्ड चेन उपकरण स्थापित करने और जब कभी टीका उपलब्ध हो तो उसे दिल्ली सरकार के एक अस्पताल में रखने के प्रबंधन किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 24 दिसंबर को कहा था कि दिल्ली सरकार टीका प्राप्त करने, उसे रखने और शहर में टीकाकरण के पहले चरण में प्राथमिकता वाले श्रेणी के 51 लाख लोगों को लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इनमें स्वास्थ्य कर्मी, कोविड-19 से लड़ने में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे लोग, 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग तथा बीमारियों से ग्रस्त 50 साल से कम उम्र के लोग शामिल हैं।
देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया। स्वास्थ्य आयुक्त कटमनेनी भास्कर ने कहा कि सभी जिलों में पूर्वाभ्यास के दौरान लगभग 32 छोटी और 26 बड़ी घटनाएं निर्मित की गईं।
भास्कर ने बताया कि ये घटनाएं वास्तविक नहीं हैं, लेकिन हमने टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं से निपटने की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए कुछ आभासी (डमी) स्थितियां उत्पन्न कीं। सब कुछ योजना के अनुसार हुआ। अब हम जब भी वास्तविक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होता है, उसके लिए तैयार हैं।’’ चुनिंदा स्थानों पर पूर्वाभ्यास के लिए चुने गए निर्दिष्ट समूहों के 975 पूर्व-चिन्हित लाभार्थियों में से कुल 954 को ‘डमी वैक्सीन’ दी गई।
भास्कर ने कहा कि शेष 21 को विभिन्न समस्याओं के कारण टीका नहीं लगाया गया था। उन्होंने कहा कि इनके परिणाम उत्साहजनक हैं। सभी जिलों में चले पूर्वाभ्यास के परिणाम पर एक समीक्षा रिपोर्ट आगे की कार्यवाही के सुझाव के लिए राज्य कार्य दल को भेजी जाएगी। आयुक्त ने कहा कि हम केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को भी फीडबैक भेजेंगे।
टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि सिक्किम के छोटा राज्य होने के कारण केंद्र ने एक ही स्थान पर पूर्वाभ्यास की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि हम वास्तविक कोविड-19 टीकाकरण करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमने प्रशीतित भंडारण (कोल्ड स्टोरेज) इकाइयों को मजबूत किया है। सभी जिला अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी बुनियादी ढांचा हैं क्योंकि राज्यभर में पहले अन्य नियमित टीकाकरण अभियान चलाये गए हैं।
कोविड-19 टीकाकरण नोडल अधिकारी तथा एनएचएम की अभियान निदेशक सोनिका ने कहा कि महात्मा गांधी शताब्दी अस्पताल, खुरूबा शहरी स्वास्थ्य केन्द्र, भानियावाला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा भोगपुर और रानीपोखरी के राजकीय एलोपैथिक अस्पताल में पूर्वाभ्यास किया गया।
उन्होंने कहा कि सुबह नौ बजे से शुरू हुए पूर्वाभ्यास के दौरान 123 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया गया था। अधिकारी ने कहा कि राज्य के नोडल अधिकारी ने सफलतापूर्वक पूर्वाभ्यास के लिये प्रत्येक अस्पतालों में पर्यवेक्षकों की तैनाती कर रखी थी।
पूर्वाभ्यास संपन्न होने के बाद एनएचएम निदेशक ने विस्तृत रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि राज्य में होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं।
वहीं, मिजोरम सरकार ने भी कोविड-19 टीकाकरण का सफलतापूर्वक पूर्वाभ्यास किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों और वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में आइजोल के दो जन स्वास्थ्य केन्द्रों में 23-23 लोगों को प्रयोग के तौर पर टीके लगाए गए। अधिकारी ने कहा कि पूर्वाभ्यास से हमें वास्तविक अभियान की तैयारियों की समीक्षा में मदद मिली है।
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) राजीव अरोड़ा ने बताया कि राज्य के पंचकूला जिले में चार स्थानों पर यह पूर्वाभ्यास किया गया, जिनमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दो-दो स्थान शामिल किए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ के प्रशासन ने भी शहर में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया।
प्रदेश टीकाकरण अधिकारी डॉ. रित थुर ने कहा कि हम कोविड-19 टीकाकरण की प्रक्रिया के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार इन केंद्रों में प्रतीक्षा, टीकाकरण और निगरानी के लिए तीन कक्ष हैं। प्रत्येक टीकाकरण दल में पांच-पांच सदस्य हैं।
अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण शुरू होने पर पहले चरण में कुल 19,654 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। दूसरे चरण में अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को और तीसरे चरण में बुजुर्गों तथा बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तीनों चिकित्सा केंद्रों पर छह-छह सदस्यों की टीमों ने स्वयंसेवकों को डमी टीके लगाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा, समाज कल्याण और गृह विभाग के कुल 180 लोगों को इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इस बीच, त्रिपुरा में आठ और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में मामलों की कुल संख्या बढ़कर 33,276 हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से कोई और मौत नहीं होने से राज्य में मृतकों की संख्या 382 पर बनी रही।
अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा में अब 99 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि अब तक 32,772 लोग इस बीमारी से स्वस्थ हो चुके हैं और 23 मरीज दूसरे राज्यों में जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 59 और लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं।
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