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पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने सख्त फैसला लिया है। कोरोना संक्रमण होने पर अब स्वास्थ्य कर्मियों को खुद ही इलाज का सारा खर्च उठाना होगा। इसके साथ ही संक्रमित होने के दौरान मिलने वाले एकांतवास के दौरान अवकाश पर भी रोक लगा दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए चलाई गई कोविड टीकाकरण मुहिम के अंतर्गत उनको कई बार मौका दिया गया, लेकिन इतने मौकों के बावजूद कई स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया। यह गलत है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की इस लापरवाही को देखते हुए अब पंजाब सरकार ने कुछ सख्त फैसले लिए हैं, जिनमें यदि अब स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमण के शिकार होते हैं तो इलाज का पूरा खर्च उनको खुद उठाना होगा और ऐसे कर्मचारी एकांतवास अवकाश का लाभ लेने के भी पात्र नहीं होंगे।
पंजाब में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले
सिद्धू ने कहा कि पंजाब देश के उन 6 राज्यों में से एक है जहां कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसे कोरोना की दूसरी लहर की तरह मानते हुए हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। कोरोना के बढ़ रहे मामलों से पता चलता है कि पंजाब में कोविड का प्रभाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ और मामलों में और वृद्धि होने की आशंका है।
पिछले कुछ दिनों के दौरान संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। 20 को 358 और 21 को 348 केस सामने आ चुके हैं। राज्य में कोविड के करीब 3000 सक्रिय मामले हो गए हैं, जबकि तीन हफ्ते पहले केवल 2000 मामले (33 फीसदी वृद्धि) ही थे।
अब तक राज्य में 2.06 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों और 1.82 लाख अगली कतार के वर्करों ने कोविड-19 के टीकाकरण के लिए नाम पंजीकृत करवाया है। लगभग 79,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों और 4,000 अगली कतार के वर्करों का टीकाकरण किया जा चुका है, जो काफी कम है। पंजाब के लिए यह बेहद चिंताजनक स्थिति है।
पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने सख्त फैसला लिया है। कोरोना संक्रमण होने पर अब स्वास्थ्य कर्मियों को खुद ही इलाज का सारा खर्च उठाना होगा। इसके साथ ही संक्रमित होने के दौरान मिलने वाले एकांतवास के दौरान अवकाश पर भी रोक लगा दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए चलाई गई कोविड टीकाकरण मुहिम के अंतर्गत उनको कई बार मौका दिया गया, लेकिन इतने मौकों के बावजूद कई स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया। यह गलत है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की इस लापरवाही को देखते हुए अब पंजाब सरकार ने कुछ सख्त फैसले लिए हैं, जिनमें यदि अब स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमण के शिकार होते हैं तो इलाज का पूरा खर्च उनको खुद उठाना होगा और ऐसे कर्मचारी एकांतवास अवकाश का लाभ लेने के भी पात्र नहीं होंगे।
पंजाब में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले सिद्धू ने कहा कि पंजाब देश के उन 6 राज्यों में से एक है जहां कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसे कोरोना की दूसरी लहर की तरह मानते हुए हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। कोरोना के बढ़ रहे मामलों से पता चलता है कि पंजाब में कोविड का प्रभाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ और मामलों में और वृद्धि होने की आशंका है।
पिछले कुछ दिनों के दौरान संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। 20 को 358 और 21 को 348 केस सामने आ चुके हैं। राज्य में कोविड के करीब 3000 सक्रिय मामले हो गए हैं, जबकि तीन हफ्ते पहले केवल 2000 मामले (33 फीसदी वृद्धि) ही थे।
अब तक राज्य में 2.06 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों और 1.82 लाख अगली कतार के वर्करों ने कोविड-19 के टीकाकरण के लिए नाम पंजीकृत करवाया है। लगभग 79,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों और 4,000 अगली कतार के वर्करों का टीकाकरण किया जा चुका है, जो काफी कम है। पंजाब के लिए यह बेहद चिंताजनक स्थिति है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों को बिना किसी झिझक के खुद, पारिवारिक सदस्यों और सगे संबंधियों का टीकाकरण करवाना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों और अगली कतार के योद्धाओं के टीकाकरण की कम दर सूबे के लिए चिंतनीय है। – बलबीर सिंह सिद्धू, स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब
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