संवाद न्यूज एजेंसी, फरीदकोट (पंजाब)
Updated Tue, 19 Jan 2021 12:11 AM IST
सुमेध सिंह सैनी।
– फोटो : फाइल फोटो
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विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को कोटकपूरा गोलीकांड मामले में भी तत्कालीन पंजाब के डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया। इसके बाद जेएमआईसी एकता उप्पल की अदालत ने सैनी को नोटिस जारी करते हुए 18 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है।
तीन दिन पहले ही एसआईटी ने पूर्व डीजीपी के खिलाफ बहिबल कलां गोलीकांड मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। दोनों मामलों में एसआईटी ने उन्हें पिछले साल अक्तूबर में बतौर आरोपी नामजद किया था। एसआईटी ने पूर्व डीजीपी पर गोलीकांड की साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए है।
बहिबल कलां व कोटकपूरा गोलीकांड की घटनाएं 14 अक्टूबर 2015 को हुई थीं। बहिबल कलां में पुलिस की गोली लगने से दो नौजवानों की मौत हुई थी। कोटकपूरा में पुलिस के लाठीचार्ज व फायरिंग में कई लोग घायल हो गए थे।
साल 2018 में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के बाद कोटकपूरा की घटना के संदर्भ में थाना सिटी कोटकपूरा में सात अगस्त 2018 को अज्ञात पुलिसकर्मियों पर इरादा-ए-कत्ल का केस दर्ज किया गया था।
एसआईटी ने जांच के बाद आईजी परमराज सिंह उमरानंगल, पूर्व एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा, एसपी परमजीत सिंह पन्नू, तत्कालीन डीएसपी कोटकपूरा बलजीत सिंह व तत्कालीन एसएचओ सिटी गुरदीप सिंह पंधेर के अलावा कोटकपूरा से शिअद के पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़ को नामजद किया गया। इन सभी छह आरोपियों के खिलाफ एसआईटी अदालत में चालान भी पेश कर चुकी है।
हाल ही में एसआईटी ने बहिबल गोलीकांड केस के आरोपी इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह को वादा माफ गवाह बनाते हुए उसका अदालत के समक्ष बयान दर्ज करवाया था। इंस्पेक्टर ने अपने बयान में दावा किया था कि गोलीकांड की घटनाओं के लिए तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, आईजी परमराज सिंह उमरानंगल व मोगा के तत्कालीन एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा जिम्मेदार हैं।
इन दोनों विरोध प्रदर्शनों को शांतिपूर्वक ढंग से खत्म करवाया जा सकता था लेकिन इन अधिकारियों के अड़ियल रवैये के कारण प्रदर्शनकारियों पर अनुचित बल प्रयोग किया गया। इसके आधार पर एसआईटी ने पूर्व डीजीपी को दोनों घटनाओं में बतौर आरोपी नामजद किया और अब उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को कोटकपूरा गोलीकांड मामले में भी तत्कालीन पंजाब के डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया। इसके बाद जेएमआईसी एकता उप्पल की अदालत ने सैनी को नोटिस जारी करते हुए 18 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है।
तीन दिन पहले ही एसआईटी ने पूर्व डीजीपी के खिलाफ बहिबल कलां गोलीकांड मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। दोनों मामलों में एसआईटी ने उन्हें पिछले साल अक्तूबर में बतौर आरोपी नामजद किया था। एसआईटी ने पूर्व डीजीपी पर गोलीकांड की साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए है।
बहिबल कलां व कोटकपूरा गोलीकांड की घटनाएं 14 अक्टूबर 2015 को हुई थीं। बहिबल कलां में पुलिस की गोली लगने से दो नौजवानों की मौत हुई थी। कोटकपूरा में पुलिस के लाठीचार्ज व फायरिंग में कई लोग घायल हो गए थे।
साल 2018 में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के बाद कोटकपूरा की घटना के संदर्भ में थाना सिटी कोटकपूरा में सात अगस्त 2018 को अज्ञात पुलिसकर्मियों पर इरादा-ए-कत्ल का केस दर्ज किया गया था।
एसआईटी ने जांच के बाद आईजी परमराज सिंह उमरानंगल, पूर्व एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा, एसपी परमजीत सिंह पन्नू, तत्कालीन डीएसपी कोटकपूरा बलजीत सिंह व तत्कालीन एसएचओ सिटी गुरदीप सिंह पंधेर के अलावा कोटकपूरा से शिअद के पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़ को नामजद किया गया। इन सभी छह आरोपियों के खिलाफ एसआईटी अदालत में चालान भी पेश कर चुकी है।
हाल ही में एसआईटी ने बहिबल गोलीकांड केस के आरोपी इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह को वादा माफ गवाह बनाते हुए उसका अदालत के समक्ष बयान दर्ज करवाया था। इंस्पेक्टर ने अपने बयान में दावा किया था कि गोलीकांड की घटनाओं के लिए तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, आईजी परमराज सिंह उमरानंगल व मोगा के तत्कालीन एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा जिम्मेदार हैं।
इन दोनों विरोध प्रदर्शनों को शांतिपूर्वक ढंग से खत्म करवाया जा सकता था लेकिन इन अधिकारियों के अड़ियल रवैये के कारण प्रदर्शनकारियों पर अनुचित बल प्रयोग किया गया। इसके आधार पर एसआईटी ने पूर्व डीजीपी को दोनों घटनाओं में बतौर आरोपी नामजद किया और अब उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी।
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