Uttar Pradesh
कोई कह रहा था तुम इलाहाबाद रहते हो…कवि कुमार विश्वास के गीतों पर झूमे युवा

येे घर बर्बाद करके इस तरह क्यों आबाद रहते हो/कोई कह रहा था तुम इलाहाबाद रहते हो…। जाने माने कवि कुमार विश्वास ने जब इस गीत को पढ़ा तो युवा झूम उठे। तालियों की बौछार और उत्साह से भरे युवाओं कई बार मंच की ओर बढ़ने की कोशिश की, उन्हें समझा-बुझा कर दीर्घा में बैठाया जाता रहा। एक के बाद एक कई शेर और गीत सुनाकर कुमार विश्वास ने हर किसी के जेहनोदिल में अपनी छाप छोड़ी। इस दौरान कुमार को सुनने के लिए उत्साहित भीड़ ने कोरोना प्रोटोकाल के सारे नियमों को दर किनार कर दिया। प्रबल एकेडमी की ओर से यह काव्य संगम एनसीजेडसीसी परिसर में किया गया था।