सस्ते रेट में मास्क, सैनिटाइजर सहित सर्जिकल उपकरण दिलाने का झांसा देकर मथुरा के गैंग ने कई राज्यों के व्यापारियों से दो करोड़ से अधिक ठग लिए। इसके लिए सरगना ने मथुरा और वृंदावन में कॉल सेंटर खोल रखा था। कर्मचारी लोगों को सर्जिकल उपकरण की फोटो भेजकर झांसे में लेते थे। इसके बाद खातों में रकम जमा करा निकाल ली जाती थी। रेंज साइबर सेल ने मामला सामने आने के बाद जांच की। पुलिस ने गुरुवार को कॉल सेंटर पर छापा मारकर पांच कर्मचारियों को पकड़ लिया। मगर, सरगना फरार हो गया।
रेंज साइबर थाना के उप निरीक्षक चेतन भारद्वाज ने बताया कि मूलरूप से सुल्तानपुरी, नई दिल्ली निवासी संदीप फेस-द्वितीय, देवरी रोड, सदर में रहते हैं। उनका दिल्ली में सेफ्टी जूते बनाने का कारोबार है। यहां उनकी मुलाकात मथुरा निवासी जगदीश और चंद्रशेखर से हुई थी। दोनों ने साथ व्यापार करने का झांसा दिया। इसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक का खाता ले लिया। कहा कि खाते में जूता खरीदने वाले व्यापारी पेमेंट भेजेंगे।
इसके बाद खाते में आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मणिपुर और अन्य राज्यों से अलग-अलग तिथि में 17 लाख तक भेजे गए। बाद में संदीप ने फर्मों को माल भेजने के लिए कहा तो जगदीश और चंद्रशेखर आनाकानी करने लगे। इस पर फर्मों के संचालकों ने संदीप को फोन किए। इसमें पता चला कि आरोपियों ने सर्जीकल उपकरण के नाम पर रकम डलवाकर निकाल ली है। धोखाधड़ी करने के लिए उनके खाते का इस्तेमाल किया गया।
गूगल से निकालते थे फर्मों का डाटा
रेंज साइबर क्राइम थाना पुलिस के मुताबिक, गैंग के मुख्य सरगना चंद्रशेखर और जगदीश है। वह दोनों दिल्ली में रहकर जूते का व्यापार करते हैं। जगदीश पर 30 से 35 लाख रुपये का कर्ज हो गया था। व्यापारी तगादा करने लगे। इस जगदीश ठगी की सोचने लगा। उन्होंने अपनी फर्जी नाम से कई फर्म बना लीं। फर्जीवाड़ा करने के लिए लॉकडाउन के बाद पहले वृंदावन, बाद में गोवर्धन चौराहे के पास कॉल सेंटर खोला।
दोनों अपने कर्मचारियों को रोजाना टास्क देते थे। इसमें गूगल से अलग-अलग फर्मों को डाटा निकाला जाता था, जिसमें फर्म की जानकारी से लेकर मोबाइल नंबर होता था। इसे कर्मचारी रजिस्टर में दर्ज करते थे।
इसके बाद व्यापारियों को फोन करके मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड, जूता, हेलमेट, एचबी जैकेट, नेबुलाइजर और अन्य सामान कम कीमत पर देने का प्रलोभन देते थे। इन सभी प्रोडक्ट की फोटो भी भेजते थे। इसके बाद व्यापारियों से ली गई रकम को खातों में जमा करा लेते थे। इसके बाद एटीएम से रकम निकाल लेते थे।
20 खातों की जानकारी मिली
इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को दबिश देकर पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। जगदीश और चंद्रशेखर ने नौ महीने में दो करोड़ से अधिक कमाए हैं। उनके 20 खातों की जानकारी पुलिस को मिली है।
एक खाते में 60 लाख तक जमा कराकर निकाले गए हैं। अभी और जांच की जा रही है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक शैलेष कुमार सिंह, एसआई चेतन भारद्वाज, मोहित वर्मा, मुख्य आरक्षी इंद्रदेव, प्रवेश कुमार, शुभम कुमार, शैलेंद्र, चालक संजेश कुमार रहे।
सिकंदरा के व्यापारी से जमा कराए थे 2.87 लाख रुपये
गैंग ने कोरोना संक्रमण के शुरूआती दिनों में सर्जिकल व्यापारी सिकंदरा के पुष्प निकेतन निवासी आशीष शर्मा से एन 95 मास्क सस्ते दामों में उपल्ध कराने का झांसा दिया था। इसके बाद उनसे 2,87,750 रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। हालांकि साइबर थाने में शिकायत पर सुल्तानपुर के खाते में जमा रकम को आशीष शर्मा के खाते में वापस ट्रांसफर करा दिया गया था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
अशोक कुमार निवासी गांव नीमगांव, थाना राया, मथुरा
दीपक निवासी नीमगांव, मथुरा
रविंद्र उर्फ नमो
अजयपाल शर्मा निवासी गांव बरारी, पोस्ट मनीला, मांट, मथुरा
कुलदीप निवासी गांव नागल, जरारा, कोतवाली, खुर्जा, बुलंदशहर
ये हैं फरार
चंद्रशेखर उर्फ एके निवासी कृष्णा कॉलोनी, मथुरा
जगदीश उर्फ जीतू उर्फ जितेंद्र निवासी विश्वलक्ष्मी नगर, मथुरा
ये हुई बरामदगी
दो लैपटॉप, 16 डेबिट कार्ड, 10 मोबाइल फोन, 18 मोबाइल सिम कार्ड, इंटरनेट मॉडम डिवाइस, एक प्रिंटर, 13 रजिस्टर बरामद हुए हैं। रजिस्टर में खातों की जानकारी के साथ ही फर्मों के नाम, मोबाइल नंबर की जानकारी है।
सार
- सस्ते मास्क और सैनिटाइजर का झांसा देकर दो करोड़ की ठगी
- पांच गिरफ्तार, सरगना फरार
विस्तार
सस्ते रेट में मास्क, सैनिटाइजर सहित सर्जिकल उपकरण दिलाने का झांसा देकर मथुरा के गैंग ने कई राज्यों के व्यापारियों से दो करोड़ से अधिक ठग लिए। इसके लिए सरगना ने मथुरा और वृंदावन में कॉल सेंटर खोल रखा था। कर्मचारी लोगों को सर्जिकल उपकरण की फोटो भेजकर झांसे में लेते थे। इसके बाद खातों में रकम जमा करा निकाल ली जाती थी। रेंज साइबर सेल ने मामला सामने आने के बाद जांच की। पुलिस ने गुरुवार को कॉल सेंटर पर छापा मारकर पांच कर्मचारियों को पकड़ लिया। मगर, सरगना फरार हो गया।
रेंज साइबर थाना के उप निरीक्षक चेतन भारद्वाज ने बताया कि मूलरूप से सुल्तानपुरी, नई दिल्ली निवासी संदीप फेस-द्वितीय, देवरी रोड, सदर में रहते हैं। उनका दिल्ली में सेफ्टी जूते बनाने का कारोबार है। यहां उनकी मुलाकात मथुरा निवासी जगदीश और चंद्रशेखर से हुई थी। दोनों ने साथ व्यापार करने का झांसा दिया। इसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक का खाता ले लिया। कहा कि खाते में जूता खरीदने वाले व्यापारी पेमेंट भेजेंगे।
इसके बाद खाते में आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मणिपुर और अन्य राज्यों से अलग-अलग तिथि में 17 लाख तक भेजे गए। बाद में संदीप ने फर्मों को माल भेजने के लिए कहा तो जगदीश और चंद्रशेखर आनाकानी करने लगे। इस पर फर्मों के संचालकों ने संदीप को फोन किए। इसमें पता चला कि आरोपियों ने सर्जीकल उपकरण के नाम पर रकम डलवाकर निकाल ली है। धोखाधड़ी करने के लिए उनके खाते का इस्तेमाल किया गया।
गूगल से निकालते थे फर्मों का डाटा रेंज साइबर क्राइम थाना पुलिस के मुताबिक, गैंग के मुख्य सरगना चंद्रशेखर और जगदीश है। वह दोनों दिल्ली में रहकर जूते का व्यापार करते हैं। जगदीश पर 30 से 35 लाख रुपये का कर्ज हो गया था। व्यापारी तगादा करने लगे। इस जगदीश ठगी की सोचने लगा। उन्होंने अपनी फर्जी नाम से कई फर्म बना लीं। फर्जीवाड़ा करने के लिए लॉकडाउन के बाद पहले वृंदावन, बाद में गोवर्धन चौराहे के पास कॉल सेंटर खोला।
दोनों अपने कर्मचारियों को रोजाना टास्क देते थे। इसमें गूगल से अलग-अलग फर्मों को डाटा निकाला जाता था, जिसमें फर्म की जानकारी से लेकर मोबाइल नंबर होता था। इसे कर्मचारी रजिस्टर में दर्ज करते थे।
इसके बाद व्यापारियों को फोन करके मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड, जूता, हेलमेट, एचबी जैकेट, नेबुलाइजर और अन्य सामान कम कीमत पर देने का प्रलोभन देते थे। इन सभी प्रोडक्ट की फोटो भी भेजते थे। इसके बाद व्यापारियों से ली गई रकम को खातों में जमा करा लेते थे। इसके बाद एटीएम से रकम निकाल लेते थे।
20 खातों की जानकारी मिली इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को दबिश देकर पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। जगदीश और चंद्रशेखर ने नौ महीने में दो करोड़ से अधिक कमाए हैं। उनके 20 खातों की जानकारी पुलिस को मिली है।
एक खाते में 60 लाख तक जमा कराकर निकाले गए हैं। अभी और जांच की जा रही है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक शैलेष कुमार सिंह, एसआई चेतन भारद्वाज, मोहित वर्मा, मुख्य आरक्षी इंद्रदेव, प्रवेश कुमार, शुभम कुमार, शैलेंद्र, चालक संजेश कुमार रहे।
सिकंदरा के व्यापारी से जमा कराए थे 2.87 लाख रुपये
गैंग ने कोरोना संक्रमण के शुरूआती दिनों में सर्जिकल व्यापारी सिकंदरा के पुष्प निकेतन निवासी आशीष शर्मा से एन 95 मास्क सस्ते दामों में उपल्ध कराने का झांसा दिया था। इसके बाद उनसे 2,87,750 रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। हालांकि साइबर थाने में शिकायत पर सुल्तानपुर के खाते में जमा रकम को आशीष शर्मा के खाते में वापस ट्रांसफर करा दिया गया था।
इनकी हुई गिरफ्तारी अशोक कुमार निवासी गांव नीमगांव, थाना राया, मथुरा
दीपक निवासी नीमगांव, मथुरा
रविंद्र उर्फ नमो
अजयपाल शर्मा निवासी गांव बरारी, पोस्ट मनीला, मांट, मथुरा
कुलदीप निवासी गांव नागल, जरारा, कोतवाली, खुर्जा, बुलंदशहर
ये हैं फरार
चंद्रशेखर उर्फ एके निवासी कृष्णा कॉलोनी, मथुरा
जगदीश उर्फ जीतू उर्फ जितेंद्र निवासी विश्वलक्ष्मी नगर, मथुरा
ये हुई बरामदगी
दो लैपटॉप, 16 डेबिट कार्ड, 10 मोबाइल फोन, 18 मोबाइल सिम कार्ड, इंटरनेट मॉडम डिवाइस, एक प्रिंटर, 13 रजिस्टर बरामद हुए हैं। रजिस्टर में खातों की जानकारी के साथ ही फर्मों के नाम, मोबाइल नंबर की जानकारी है।