कृषि कानून : सुप्रीम कोर्ट पैनल ने की कृषि आधारित उद्योगों के साथ बैठक

कृषि कानूनों पर सभी हितधारकों के साथ ऑनलाइन व निजी मुलाकात कर रहे तीन सदस्यीय पैनल की यह छठी बैठक थी। पैनल की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इन बैठकों में विभिन्न कृषि प्रसंस्करण उद्योगों, कृषि संगठनों और खरीद एजेंसियों के साथ बातचीत की गई है।
कुल 18 विभिन्न हितधारक संगठनों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पैनल के सदस्यों के साथ बातचीत में शिरकत की है। इनमें अमूल, आईटीसी, सुगुण फूड, वेंक्टेश्वरा हैचरीज जैसी कंपनियों के अलावा सीआईआई व फिक्की जैसे उद्योग संगठन और सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम व एपीडा जैसी एजेंसियां भी शामिल थीं।
इनके अलावा हॉर्टीकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया राइस मिलर एसोसिएशन, ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, ट्रैक्टर निर्माता एसोसिएशन, कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडिया प्लस एंड ग्रेन एसोसिएशन और ऑल इंडिया पोल्टी फीड मेन्युफेक्चरर एसोसिएशन भी वार्ताओं में शामिल रहीं। सभी ने नए कृषि कानूनों पर विस्तार से अपनी राय और सलाह पैनल को सौंपी है।
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं को घेरे बैठे किसानों के आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को कृषि कानूनों को लागू करने पर स्थगन आदेश जारी कर दिया था। साथ ही सरकार व किसानों के बीच कृषि कानूनों पर समझौता कराने के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था। बाद में इस पैनल के एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया था।
कृषि कानूनों को लागू कराने की मांग वाली अर्जी पर केंद्र से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने एक कंपनी द्वारा नए कृषि कानूनों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही इस मसले के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति में सदस्य के रूप में शामिल करने की मांग की है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने विधि एवं न्याय मंत्रालय और कृषि मंत्रालय को इस संबंध में नोटिस देकर इस याचिका को भी अन्य याचिकाओं के साथ क्लब कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ स्थित कंपनी की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है, जिसमें उसने केंद्र और यूपी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को लागू करने के लिए तत्काल निर्देश देने की मांग की है।