कृषि कानूनों के विरोध में अपनी मेहनत को रौंद रहे किसान, अब भाकियू ने कही ये बात

कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू नेता राकेश टिकैत के खड़ी फसलों को नष्ट करने के की बात का असर हरियाणा में दिख रहा है। रोहतक के महम चौबीसी इलाके के गांव भैणी सुरजन के युवा किसान मंदीप ने अपनी साढ़े तीन एकड़ गेहूं की फसल नष्ट कर दी है। मंदीप ने कहा कि बाकी फसल को वह गांव के जरूरतमंदों को देगा। अपने लिए केवल दो-तीन एकड़ की फसल ही रखेगा। मंदीप का कहना है कि उसने साढ़े तीन एकड़ फसल कृषि कानूनों को समर्थन देने के लिए नष्ट की है। गांव के उन जरूरतमंदों को यह फसल इसलिए देना चाहता है कि हरवर्ग एकजुट होकर इस आंदोलन की गंभीरता समझे। मंदीप का कहना है कि सरकार कृषि और किसान को नष्ट करना चाहती है। वे कृषि कानूनों का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि आने वाली पीढ़ी के लिए जमीन बच सके। वे आज कष्ट सह लेंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर इन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। उनका कहना है कि उनका पूरा गांव मंडी में इस वर्ष गेहूं नहीं देगा। कुछ जमीन के गेहूं को नष्ट करके चारा उगा लेंगे। बाकी जो नहीं कटेगी वह गांव के गरीबों को दे देंगे।