कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी ममता सरकार, दो दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Wed, 27 Jan 2021 11:24 AM IST
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पश्चिम बंगला के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि 28 जनवरी को विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन प्रस्ताव को नियम 169 के तहत पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विषय पर पहले चर्चा होगी। बता दें कि अभी तक पांच गैर भाजपा शासित राज्य- पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल और दिल्ली- ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए हैं।
कांग्रेस के साथ प्रस्ताव लाना चाहती थीं ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती थी कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव को कांग्रेस के साथ मिलकर लाया जाए, लेकिन ममता सरकार का यह प्रस्ताव फेल हो गया। दरअसल, कांग्रेस इसे नियम 185 के तहत लाना चाहती थीं। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी ने कहा कि वे इसी प्रस्ताव को नियम 185 के तहत लाना चाहते थे। एक ही मुद्दे पर दो प्रस्ताव दो अलग-अलग नियमों के तहत लाने का क्या मतलब है? जब सरकार एक प्रस्ताव दे चुकी और उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा। नियम 169 के तहत, सरकार विधानसभा में एक प्रस्ताव देती है, जबकि नियम 185 के तहत कोई भी पार्टी सदन में प्रस्ताव पेश कर सकती है।
कांग्रेस ने उठाए प्रस्ताव लाने पर सवाल
विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के पास केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने भी कुछ साल पहले इसी तरह के कानून पारित किए थे।
पश्चिम बंगला के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि 28 जनवरी को विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन प्रस्ताव को नियम 169 के तहत पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विषय पर पहले चर्चा होगी। बता दें कि अभी तक पांच गैर भाजपा शासित राज्य- पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल और दिल्ली- ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए हैं।
कांग्रेस के साथ प्रस्ताव लाना चाहती थीं ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती थी कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव को कांग्रेस के साथ मिलकर लाया जाए, लेकिन ममता सरकार का यह प्रस्ताव फेल हो गया। दरअसल, कांग्रेस इसे नियम 185 के तहत लाना चाहती थीं। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी ने कहा कि वे इसी प्रस्ताव को नियम 185 के तहत लाना चाहते थे। एक ही मुद्दे पर दो प्रस्ताव दो अलग-अलग नियमों के तहत लाने का क्या मतलब है? जब सरकार एक प्रस्ताव दे चुकी और उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा। नियम 169 के तहत, सरकार विधानसभा में एक प्रस्ताव देती है, जबकि नियम 185 के तहत कोई भी पार्टी सदन में प्रस्ताव पेश कर सकती है।
कांग्रेस ने उठाए प्रस्ताव लाने पर सवाल
विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के पास केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने भी कुछ साल पहले इसी तरह के कानून पारित किए थे।