उसने धक्का दिया तो मैं सड़क पर गिर गई। मेरी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इसके बाद उसने पत्थर उठाया और मेरे सिर व गले पर लगातार वार करने लगा। मैंने बस इतना कहा कि मेरे साथ कुछ भी कर लो, लेकिन जान से मत मारो। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाली युवती ने अपने साथ हुई हैवानियत बयां की तो पुलिसवालों की आंखें भी नम हो गईं। उनकी रूह तक कांप उठी। पीड़िता की हालत ऐसी है कि वह अगले छह महीने बिस्तर से हिल भी नहीं सकती।
भोपाल के कोलार इलाके में घटित हुई इस दिल दहला देने वाली घटना से हर कोई सन्न है। इस दिल दहला देने वाले मामले को लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर भाजपा पर आरोप लगाते हुए अपना रोष जताया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा, ‘भोपाल रेप पीड़िता एक महीने बाद भी न्याय से कोसों दूर है क्योंकि भाजपा हमेशा पीड़िता को ही रेप का जिम्मेदार ठहराती है और कार्यवाही में ढील देती है, जिससे अपराधियों का फायदा होता है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘यही है सरकार के बेटी बचाओ का सच!’
मामले में डीआईजी इरशाद वली ने कहा 16 जनवरी को आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वह अभी जेल में है। उसकी दो बार जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। इस केस में जांच के बाद दुष्कर्म की कोशिश और जान लेवा हमले की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। मामले में एसआईटी जांच कर रही है। तथ्य सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल के कोलार इलाके में रहने वाली 24 साल की लड़की ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, ‘मैं 16 जनवरी की शाम हर रोज की तरह टहलने निकली थी। जेके हॉस्पिटल के पास सामने से एक लड़का आया और मुझे तेजी से धक्का मारकर गिरा दिया। मैं सीधे सड़क किनारे पांच फीट गहरी खंती में गिर गई। इससे मेरी रीढ़ की हड्डी टूट गई। उसने झटके से मुझे झाड़ियों में पटक दिया। वह मेरे साथ घिनौनी हरकत करने लगा। अपने दांतों से जख्म दिए। मैं हाथ-पैर चलाकर बचती रही, लेकिन वह पीट रहा था।’
‘मैं चिल्लाई तो उसने पत्थर उठाकर सिर पर कई बार मारा। मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। मुझे लगा वह मार डालेगा। मैं बेबस हो गई और जान बचाने के लिए मुझे गिड़गिड़ाते हुए कहना पड़ा- जो करना है कर लो पर पत्थर मत मारो। उसने पत्थर मारना बंद कर दिया, पांच मिनट तक शरीर से बदसलूकी करता रहा। मैं मदद के लिए चिल्लाई। मेरी आवाज सुनकर कुछ लोग आ गए तो दरिंदा भाग गया।’
पीड़िता को एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उसे दरिंदे ने इस कदर पीटा था कि उसके सिर, गले गंभीर चोटें आईं और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। इस वजह से उसे करीब 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। बता दें, पीड़िता को अस्पताल से 25 जनवरी को डिस्चार्ज किया गया, लेकिन वह अभी अपनी मां की देखरेख में घर पर बिस्तर पर ही है। वह चल फिर तो क्या एक इंच हिल भी नहीं सकती।
दरअसल, लड़की की रीढ़ की हड्डी में रॉड लगाई गई है और स्क्रू से उसे कसा गया है। साथ ही उसे हार्ड प्लास्टिक का एक कवर पहनाया गया है, जिसकी वजह से वह बिलकुल भी हिल नहीं सकती। हार्ड प्लास्टिक का एक कवर इसलिए पहनाया गया है ताकि वह हिल न सके और रीढ़ की हड्डी में जो स्क्रू लगाए गए हैं, उस पर असर न पड़े।
पीड़िता ने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष भी व्यक्त किया है। उसने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘जितना दर्द उस दरिंदे ने उसे दिया, उतना ही अब पुलिस गुमराह कर रही है। ‘पुलिस तीन दिन तक कहती रही कि आरोपी कोई परिचित ही होगा। इसके 20 दिन बाद अचानक उन्होंने बताया कि महाबली नगर के एक युवक ने गुनाह कबूल कर लिया है।
युवती ने कहा कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आज तक उस शख्स को मुझे नहीं दिखाया। मैंने आरोपी की आवाज का ऑडियो मांगा, ताकि उसकी पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस ने ये भी नहीं दिया। यह जानलेवा हमला था, रेप की कोशिश थी, फिर भी पुलिस इसे सामान्य मारपीट का केस मान रही है।
बताया जा रहा है कि कोलार पुलिस ने दानिशकुंज चौराहे के पास एक जूस सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग जब्त की है, जिसमें वह दरिंदा सामने से धक्का देते हुए दिख रहा है।’
पीड़िता की मां ने कहा कि मामले में पुलिस ने पहले सिर्फ छेड़छाड़ का ही केस ही दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को डीआईजी इरशाद वली और कलेक्टर अविनाश लवानिया ने उनसे मुलाकात की है और उनकी बेटी के इलाज सहित हर संभव मदद का भरोसा दिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने आरोपी की शिनाख्त उनकी बेटी से नहीं करवाई है।
उनके अनुसार, उन्होंने बेटी के साथ हुई हैवानियत के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन भी दिया था। इसके अलावा अब तक इलाज में जो खर्चा हुआ है वह राशि शासन से स्वीकृत करा कर पीड़िता की मां को उपलब्ध कराई गई है।
उसने धक्का दिया तो मैं सड़क पर गिर गई। मेरी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इसके बाद उसने पत्थर उठाया और मेरे सिर व गले पर लगातार वार करने लगा। मैंने बस इतना कहा कि मेरे साथ कुछ भी कर लो, लेकिन जान से मत मारो। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाली युवती ने अपने साथ हुई हैवानियत बयां की तो पुलिसवालों की आंखें भी नम हो गईं। उनकी रूह तक कांप उठी। पीड़िता की हालत ऐसी है कि वह अगले छह महीने बिस्तर से हिल भी नहीं सकती।
भोपाल के कोलार इलाके में घटित हुई इस दिल दहला देने वाली घटना से हर कोई सन्न है। इस दिल दहला देने वाले मामले को लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर भाजपा पर आरोप लगाते हुए अपना रोष जताया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा, ‘भोपाल रेप पीड़िता एक महीने बाद भी न्याय से कोसों दूर है क्योंकि भाजपा हमेशा पीड़िता को ही रेप का जिम्मेदार ठहराती है और कार्यवाही में ढील देती है, जिससे अपराधियों का फायदा होता है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘यही है सरकार के बेटी बचाओ का सच!’
मामले में डीआईजी इरशाद वली ने कहा 16 जनवरी को आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वह अभी जेल में है। उसकी दो बार जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। इस केस में जांच के बाद दुष्कर्म की कोशिश और जान लेवा हमले की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। मामले में एसआईटी जांच कर रही है। तथ्य सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
भोपाल के कोलार इलाके में रहने वाली 24 साल की लड़की ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, ‘मैं 16 जनवरी की शाम हर रोज की तरह टहलने निकली थी। जेके हॉस्पिटल के पास सामने से एक लड़का आया और मुझे तेजी से धक्का मारकर गिरा दिया। मैं सीधे सड़क किनारे पांच फीट गहरी खंती में गिर गई। इससे मेरी रीढ़ की हड्डी टूट गई। उसने झटके से मुझे झाड़ियों में पटक दिया। वह मेरे साथ घिनौनी हरकत करने लगा। अपने दांतों से जख्म दिए। मैं हाथ-पैर चलाकर बचती रही, लेकिन वह पीट रहा था।’
‘मैं चिल्लाई तो उसने पत्थर उठाकर सिर पर कई बार मारा। मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। मुझे लगा वह मार डालेगा। मैं बेबस हो गई और जान बचाने के लिए मुझे गिड़गिड़ाते हुए कहना पड़ा- जो करना है कर लो पर पत्थर मत मारो। उसने पत्थर मारना बंद कर दिया, पांच मिनट तक शरीर से बदसलूकी करता रहा। मैं मदद के लिए चिल्लाई। मेरी आवाज सुनकर कुछ लोग आ गए तो दरिंदा भाग गया।’
पीड़िता को एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उसे दरिंदे ने इस कदर पीटा था कि उसके सिर, गले गंभीर चोटें आईं और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। इस वजह से उसे करीब 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। बता दें, पीड़िता को अस्पताल से 25 जनवरी को डिस्चार्ज किया गया, लेकिन वह अभी अपनी मां की देखरेख में घर पर बिस्तर पर ही है। वह चल फिर तो क्या एक इंच हिल भी नहीं सकती।
रीढ़ की हड्डी में लगी रॉड
दरअसल, लड़की की रीढ़ की हड्डी में रॉड लगाई गई है और स्क्रू से उसे कसा गया है। साथ ही उसे हार्ड प्लास्टिक का एक कवर पहनाया गया है, जिसकी वजह से वह बिलकुल भी हिल नहीं सकती। हार्ड प्लास्टिक का एक कवर इसलिए पहनाया गया है ताकि वह हिल न सके और रीढ़ की हड्डी में जो स्क्रू लगाए गए हैं, उस पर असर न पड़े।
पीड़िता ने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष भी व्यक्त किया है। उसने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘जितना दर्द उस दरिंदे ने उसे दिया, उतना ही अब पुलिस गुमराह कर रही है। ‘पुलिस तीन दिन तक कहती रही कि आरोपी कोई परिचित ही होगा। इसके 20 दिन बाद अचानक उन्होंने बताया कि महाबली नगर के एक युवक ने गुनाह कबूल कर लिया है।
युवती ने कहा कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आज तक उस शख्स को मुझे नहीं दिखाया। मैंने आरोपी की आवाज का ऑडियो मांगा, ताकि उसकी पहचान कर सकूं, लेकिन पुलिस ने ये भी नहीं दिया। यह जानलेवा हमला था, रेप की कोशिश थी, फिर भी पुलिस इसे सामान्य मारपीट का केस मान रही है।
बताया जा रहा है कि कोलार पुलिस ने दानिशकुंज चौराहे के पास एक जूस सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग जब्त की है, जिसमें वह दरिंदा सामने से धक्का देते हुए दिख रहा है।’
शिवराज सिंह चौहान के नाम सौंपा ज्ञापन
पीड़िता की मां ने कहा कि मामले में पुलिस ने पहले सिर्फ छेड़छाड़ का ही केस ही दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को डीआईजी इरशाद वली और कलेक्टर अविनाश लवानिया ने उनसे मुलाकात की है और उनकी बेटी के इलाज सहित हर संभव मदद का भरोसा दिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने आरोपी की शिनाख्त उनकी बेटी से नहीं करवाई है।
उनके अनुसार, उन्होंने बेटी के साथ हुई हैवानियत के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन भी दिया था। इसके अलावा अब तक इलाज में जो खर्चा हुआ है वह राशि शासन से स्वीकृत करा कर पीड़िता की मां को उपलब्ध कराई गई है।