अमृतसर में मार्च निकालते लोग। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ में कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में कई जगह ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। पंजाब के तरनतारन के गांव पलासौर में पूर्व सरपंच परमिंदर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टरों पर आस पड़ोस के विभिन्न गांव में ट्रैक्टर मार्च निकाला।
मार्च निकाल रहे किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर कृषि कानून वापस लेने की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि यदि केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती तो उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
बठिंडा में कृषि कानूनों के विरोध में गांव भिसिआना के छोटे बच्चों ने किसानों के हक में 15 किलोमीटर तक साइकिल पर रोष मार्च निकाला। किसानों ने मेन हाईवे से लेकर दाना मंडी तक 8 किलोमीटर लंबा ट्रैक्टर मार्च निकाला। साइकिल मार्च में शामिल बच्चों गुरमन सिंह और लवप्रीत सिंह ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों की मांग माने और कृषि कानूनों को वापस ले। अगर किसानों की जमीन बचेगी, तभी उन जैसे किसानों के बच्चे स्कूलों में पढ़ पाएंगे। उन्होंने बताया कि वे आस पास के 15 किलोमीटर एरिया में पड़ते सभी गांव से साइकिल मार्च को निकाल कर लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे।
अमृतसर में किसान जत्थेबंदियों और कामरेड जत्थेबंदियों ने विभिन्न इलाकों से ट्रैक्टर मार्च और मोटरसाइकिल मार्च निकाला। वहीं जालंधर में किसानों के समर्थन में स्थानीय व्यापारियों और कांग्रेसी नेताओं ने रोष मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि तीनों कानून किसानों के लिए काले कानून हैं। मार्च कंपनी बाग चौक तक गया। संगरूर में भी किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला।
मोहाली के लालडू में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने गांव में रोष रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने गांव के महाराणा प्रताप गेट के सामने एकत्र होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
हिसार में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। काफी संख्या में किसान बाड़ोपट्टी टोल, लांधड़ी टोल और विभिन्न गांवों से ट्रैक्टरों पर सवार होकर बरवाला चुंगी से शहर में घुसे और राजगढ़ लघु सचिवालय तक मार्च निकाला। इस दौरान किसान एकता के नारे भी लगाए गए। यह मार्च शहर के विभिन्न बाजारों में निकाला गया। किसान अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा झंडा भी लगाए हुए थे। इसके चलते बस स्टैंड, नागौरी गेट, पारिजात चौक, कैम्प चौक आदि स्थानों पर जाम जैसे हालात रहे।
कृषि कानूनों के विरोध में सिरसा में किसानों ने गणतंत्र दिवस को ट्रैक्टर परेड के रूप में मनाते हुए ट्रैक्टर मार्च निकाला। काफी संख्या में किसान सुबह भावदीन टोल से ट्रैक्टरों पर सवार होकर सिरसा शहर में एक मार्च के रूप में पहुंचे और किसान एकता के नारे भी लगाए। यह मार्च शहर के विभिन्न बाजारों में निकाला गया। ट्रैक्टरों पर तिरंगा के झंडे भी लगाए हुए थे।
किसान नेता गुरदीप सिंह ने कहा कि आज हमने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकाली है। भावदीन टोल प्लाजा से चले थे और शहर के विभिन्न बाजारों में यह परेड निकाल रहे हैं। परेड के बाद दिल्ली रवाना होंगे और जब तक कानून रद्द नहीं होते आंदोलन जारी रहेगा। वहीं सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले रोडवेज कर्मचारियों ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के समर्थन में तिरंगा रैली निकाली।
पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ में कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में कई जगह ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। पंजाब के तरनतारन के गांव पलासौर में पूर्व सरपंच परमिंदर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टरों पर आस पड़ोस के विभिन्न गांव में ट्रैक्टर मार्च निकाला।
मार्च निकाल रहे किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर कृषि कानून वापस लेने की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि यदि केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती तो उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
बठिंडा में कृषि कानूनों के विरोध में गांव भिसिआना के छोटे बच्चों ने किसानों के हक में 15 किलोमीटर तक साइकिल पर रोष मार्च निकाला। किसानों ने मेन हाईवे से लेकर दाना मंडी तक 8 किलोमीटर लंबा ट्रैक्टर मार्च निकाला। साइकिल मार्च में शामिल बच्चों गुरमन सिंह और लवप्रीत सिंह ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों की मांग माने और कृषि कानूनों को वापस ले। अगर किसानों की जमीन बचेगी, तभी उन जैसे किसानों के बच्चे स्कूलों में पढ़ पाएंगे। उन्होंने बताया कि वे आस पास के 15 किलोमीटर एरिया में पड़ते सभी गांव से साइकिल मार्च को निकाल कर लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे।
अमृतसर में किसान जत्थेबंदियों और कामरेड जत्थेबंदियों ने विभिन्न इलाकों से ट्रैक्टर मार्च और मोटरसाइकिल मार्च निकाला। वहीं जालंधर में किसानों के समर्थन में स्थानीय व्यापारियों और कांग्रेसी नेताओं ने रोष मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि तीनों कानून किसानों के लिए काले कानून हैं। मार्च कंपनी बाग चौक तक गया। संगरूर में भी किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला।
मोहाली के लालडू में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने गांव में रोष रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने गांव के महाराणा प्रताप गेट के सामने एकत्र होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
चंडीगढ़ में निकला ट्रैक्टर मार्च। – फोटो : अमर उजाला
हिसार में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। काफी संख्या में किसान बाड़ोपट्टी टोल, लांधड़ी टोल और विभिन्न गांवों से ट्रैक्टरों पर सवार होकर बरवाला चुंगी से शहर में घुसे और राजगढ़ लघु सचिवालय तक मार्च निकाला। इस दौरान किसान एकता के नारे भी लगाए गए। यह मार्च शहर के विभिन्न बाजारों में निकाला गया। किसान अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा झंडा भी लगाए हुए थे।
इसके चलते बस स्टैंड, नागौरी गेट, पारिजात चौक, कैम्प चौक आदि स्थानों पर जाम जैसे हालात रहे।
कृषि कानूनों के विरोध में सिरसा में किसानों ने गणतंत्र दिवस को ट्रैक्टर परेड के रूप में मनाते हुए ट्रैक्टर मार्च निकाला। काफी संख्या में किसान सुबह भावदीन टोल से ट्रैक्टरों पर सवार होकर सिरसा शहर में एक मार्च के रूप में पहुंचे और किसान एकता के नारे भी लगाए। यह मार्च शहर के विभिन्न बाजारों में निकाला गया। ट्रैक्टरों पर तिरंगा के झंडे भी लगाए हुए थे।
किसान नेता गुरदीप सिंह ने कहा कि आज हमने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकाली है। भावदीन टोल प्लाजा से चले थे और शहर के विभिन्न बाजारों में यह परेड निकाल रहे हैं। परेड के बाद दिल्ली रवाना होंगे और जब तक कानून रद्द नहीं होते आंदोलन जारी रहेगा। वहीं सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले रोडवेज कर्मचारियों ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के समर्थन में तिरंगा रैली निकाली।