न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 26 Jan 2021 12:20 AM IST
ट्रैक्टर परेड में शामिल होने पहुंची महिलाएं
– फोटो : amar ujala
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अपनी मांगों के समर्थन में किसान गणतंत्र परेड में सैकड़ों महिलाएं भी ट्रैक्टर की कमान संभालने की तैयारी में हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध करने वाले किसानों के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे समर्थकों में शामिल महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता जेबा खान ने कहा कि पुरुषों के साथ साथ किसानों के साथ ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगी। रैली में शामिल हो रही खान ने दावा किया कि मंगलवार को परेड में करीब 500 महिलाएं भी मौजूद रहेंगी।
झारखंड के किसानों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक कार्यकर्ता ने कहा कि ट्रैक्टर रैली, आंदोलन का अहम हिस्सा है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की तरफ से ट्रैक्टर परेड किया जा रहा है। हालांकि किसान संगठनों ने कहा कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और गणतंत्र दिवस परेड के समापन के बाद ही ट्रैक्टरों को रवाना किया जाएगा। गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर करीब दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
27 तक भी जारी रह सकता है ट्रैक्टर परेड
जय किसान आंदोलन (स्वराज अभियान) के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली मंगलवार सुबह करीब 12 बजे शुरू होने और 10-12 घंटे या इससे अधिक देर तक चल सकती है। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि ट्रैक्टरों की संख्या अधिक होने की वजह से आखिरी ट्रैक्टर के परेड से लौटने तक यह जारी रहेगा। हो सकता है कि 27 जनवरी को भी यह जारी रहेगा।
पंजाब-हरियाणा की 50 फीसदी महिलाएं जानती हैं ड्राइविंग
पंजाब और हरियाणा में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं ट्रैक्टर चलाना जानती हैं। संघर्ष मोर्चा के राज्य सचिव अंबेडकर ने कहा कि दोनों राज्यों की अधिकतर महिलाएं ट्रैक्टर चलाना जानती हैं। उन्हें भी परेड में बराबरी से शामिल होने का मौका मिलेगा। पटियाला के किसान गुरमीत सिंह ने बताया कि महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण थी। इनमें किसानों की बेटियां हैं जो किसानों की मांगों के समर्थन में आंदोलन में बढ़ चढ़कर शामिल हो रही हैं।
अपनी मांगों के समर्थन में किसान गणतंत्र परेड में सैकड़ों महिलाएं भी ट्रैक्टर की कमान संभालने की तैयारी में हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध करने वाले किसानों के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे समर्थकों में शामिल महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगी।
सामाजिक कार्यकर्ता जेबा खान ने कहा कि पुरुषों के साथ साथ किसानों के साथ ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगी। रैली में शामिल हो रही खान ने दावा किया कि मंगलवार को परेड में करीब 500 महिलाएं भी मौजूद रहेंगी।
झारखंड के किसानों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक कार्यकर्ता ने कहा कि ट्रैक्टर रैली, आंदोलन का अहम हिस्सा है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की तरफ से ट्रैक्टर परेड किया जा रहा है। हालांकि किसान संगठनों ने कहा कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और गणतंत्र दिवस परेड के समापन के बाद ही ट्रैक्टरों को रवाना किया जाएगा। गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर करीब दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
27 तक भी जारी रह सकता है ट्रैक्टर परेड
जय किसान आंदोलन (स्वराज अभियान) के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली मंगलवार सुबह करीब 12 बजे शुरू होने और 10-12 घंटे या इससे अधिक देर तक चल सकती है। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि ट्रैक्टरों की संख्या अधिक होने की वजह से आखिरी ट्रैक्टर के परेड से लौटने तक यह जारी रहेगा। हो सकता है कि 27 जनवरी को भी यह जारी रहेगा।
पंजाब-हरियाणा की 50 फीसदी महिलाएं जानती हैं ड्राइविंग
पंजाब और हरियाणा में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं ट्रैक्टर चलाना जानती हैं। संघर्ष मोर्चा के राज्य सचिव अंबेडकर ने कहा कि दोनों राज्यों की अधिकतर महिलाएं ट्रैक्टर चलाना जानती हैं। उन्हें भी परेड में बराबरी से शामिल होने का मौका मिलेगा। पटियाला के किसान गुरमीत सिंह ने बताया कि महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण थी। इनमें किसानों की बेटियां हैं जो किसानों की मांगों के समर्थन में आंदोलन में बढ़ चढ़कर शामिल हो रही हैं।
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