किसान आंदोलन में मौजूद महिलाएं।
– फोटो : फाइल फोटो
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कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग के लिए धरना दे रहे किसानों को पीएम नरेंद्र मोदी के आंदोलनवादी कहने से किसान नारज हैं। इस संज्ञा पर सर्व जातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी और भगत सिंह ने भी आंदोलन चलाए थे।
देश को आजाद करवाने वाले आंदोलनवादी थे तो हम भी आंदोलनवादी हैं। आंदोलनवादी कहने पर हमें गर्व है, क्योंकि हम किसान ही नहीं बल्कि हर वर्ग के लिए आंदोलन कर रहे हैं। खाप अब गांवों में ‘मैं भी आंदोलनवादी हूं’ अभियान की शुरुआत करेगी।
बरसोला ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में सत्ता में आने से पहले हर भाजपा नेता ने आंदोलन किया। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने आंदोलन में कुर्ता तक उतार दिया। भाजपा वाले करें तो ठीक और अगर कोई और अपने हक के लिए करे तो वह आंदोलनवादी हो गए। राज्यसभा में पीएम की आंखों में आंसू आए तो वह मर्यादा और किसान नेता की आंखों में आंसू आए तो वह ड्रामा। ऐसा क्यों?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एमएसपी रहेगा, ऐसा है तो इस पर कानून बनाने में केंद्र सरकार को क्या हर्ज है। उन्होंने कहा कि आज अगर एमएसपी की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह छोटे किसान को है। आज जमीन कम हो रही है। बड़े जमींदार की संख्या कम हो रही है। ऐसे में छोटे जमींदार गांव में ज्यादा हैं।
एमएसपी अगर फसलों का किसानों को मिलेगा तो उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। केंद्र सरकार किसान हितैषी है तो किसानों की मांगों को मानते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ एमएसपी पर कानून बनाया जाए। इस दौरान आजाद पालवां, पाला बरसोला, दीपक वाल्मीकि, रामधारी शर्मा, सिक्किम सफाखेड़ी मौजूद रहे।
जुलाना से महिलाओं ने दिल्ली बॉर्डर किया कूच
किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए जुलाना से सैकड़ों महिलाओं ने दिल्ली बॉर्डर के लिए कूच किया। कूच करने से पहले महिलाओं ने हरियाणवी गीत गाकर भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया। समाजसेवी मोहित लाठर ने कहा कि किसान आंदोलन को प्रतिदिन समर्थन मिल रहा है। पुरुषों के साथ-साथ आंदोलन में महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग के लिए धरना दे रहे किसानों को पीएम नरेंद्र मोदी के आंदोलनवादी कहने से किसान नारज हैं। इस संज्ञा पर सर्व जातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी और भगत सिंह ने भी आंदोलन चलाए थे।
देश को आजाद करवाने वाले आंदोलनवादी थे तो हम भी आंदोलनवादी हैं। आंदोलनवादी कहने पर हमें गर्व है, क्योंकि हम किसान ही नहीं बल्कि हर वर्ग के लिए आंदोलन कर रहे हैं। खाप अब गांवों में ‘मैं भी आंदोलनवादी हूं’ अभियान की शुरुआत करेगी।
बरसोला ने कहा कि केंद्र और प्रदेश में सत्ता में आने से पहले हर भाजपा नेता ने आंदोलन किया। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने आंदोलन में कुर्ता तक उतार दिया। भाजपा वाले करें तो ठीक और अगर कोई और अपने हक के लिए करे तो वह आंदोलनवादी हो गए। राज्यसभा में पीएम की आंखों में आंसू आए तो वह मर्यादा और किसान नेता की आंखों में आंसू आए तो वह ड्रामा। ऐसा क्यों?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एमएसपी रहेगा, ऐसा है तो इस पर कानून बनाने में केंद्र सरकार को क्या हर्ज है। उन्होंने कहा कि आज अगर एमएसपी की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह छोटे किसान को है। आज जमीन कम हो रही है। बड़े जमींदार की संख्या कम हो रही है। ऐसे में छोटे जमींदार गांव में ज्यादा हैं।
एमएसपी अगर फसलों का किसानों को मिलेगा तो उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। केंद्र सरकार किसान हितैषी है तो किसानों की मांगों को मानते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ एमएसपी पर कानून बनाया जाए। इस दौरान आजाद पालवां, पाला बरसोला, दीपक वाल्मीकि, रामधारी शर्मा, सिक्किम सफाखेड़ी मौजूद रहे।
जुलाना से महिलाओं ने दिल्ली बॉर्डर किया कूच
किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए जुलाना से सैकड़ों महिलाओं ने दिल्ली बॉर्डर के लिए कूच किया। कूच करने से पहले महिलाओं ने हरियाणवी गीत गाकर भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया। समाजसेवी मोहित लाठर ने कहा कि किसान आंदोलन को प्रतिदिन समर्थन मिल रहा है। पुरुषों के साथ-साथ आंदोलन में महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
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