किसान आंदोलन: किसान नेता हन्नान बोले-हम यहां ठंड से मर रहे हैं और सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही

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सार
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे किसानों का आंदोलन 53वें दिन भी जारी है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है। अब अगली बैठक 19 जनवरी को तय की गई है। किसान संगठन तीनों कानूनों को रद्द करने की मांगों पर अड़े हैं, मोदी सरकार पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। कड़ाके की ठंड में किसानों का आंदोलन जारी है। यहां पढ़ें किसान आंदोलन से जुड़ा हर अपडेट…
विस्तार
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे किसानों का आंदोलन 53वें दिन भी जारी है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है। अब अगली बैठक 19 जनवरी को तय की गई है। किसान संगठन तीनों कानूनों को रद्द करने की मांगों पर अड़े हैं, मोदी सरकार पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। कड़ाके की ठंड में किसानों का आंदोलन जारी है।
हम कोर्ट में नहीं गए और अभी भी जाने का सवाल नहीं: हन्नान
किसान यूनियन के सुप्रीम कोर्ट में निष्पक्ष लोगों की कमेटी गठित करने की याचिका पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने तो ऐसी बात सोची भी नहीं, न चर्चा की। हम कोर्ट में नहीं गए और अभी भी जाने का सवाल नहीं है।
सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही है: हन्नान
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि करीब दो माह से हम ठंड के मौसम में मर रहे हैं और परेशान हो रहे हैं। सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही है। इस मामले को टालने की कोशिश कर रही है ताकि हम थक जाएं और जगह छोड़ दें। यह उनकी साजिश है।’
For almost two months, we are suffering and dying in cold weather. The government is giving us ‘tarikh pe tarikh’ and are dragging things so that we get tired and leave the place. This is their conspiracy: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha #FarmLaws pic.twitter.com/NU88y5EOaV
— ANI (@ANI) January 17, 2021
आंदोलन को पंजाब और हरियाणा में बांटना चाहती है सरकार : राकेश टिकैत
यूपी गेट पर आंदोलन में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर आंदोलन को तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 15 तारीख की बैठक में मालूम हुआ कि सरकार इस आंदोलन को लंबा खींचकर पंजाब और हरियाणा में बांटना चाहती है। जिससे किसान आंदोलन पूरे देश को छोड़कर सिर्फ पंजाब तक सीमित रह जाए।
वहीं सरकार एमएसपी पर भी बात नहीं करती, वह तीन कानूनों में संशोधन कराना चाहती है, जबकि हम कानून वापसी से कम में मानने वाले नहीं। राकेश टिकैत ने कहा कि 19 की बैठक में फिर से तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी देने पर बात होगी। सरकार इस पर कैसे प्लान बनाए, इसके बारे में किसान उन्हें बताएगा। उन्होंने किसानों से लंबे आंदोलन की तैयारी करने की भी बात कही।