एनसीपी प्रमुख शरद पवार
– फोटो : पीटीआई
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दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मद्देनजर एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को केंद्र सरकार को आगाह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जो हुआ, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन वो कारण भी नरअंदाज नहीं किए जा सकते जिनकी वजह से ऐसी स्थिति बनी।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर किसानों से वार्ता करे और मुद्दे पर अपना ‘‘अड़ियल रवैया’’ छोड़े। पवार ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया तो पंजाब में अशांति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए मोदी सरकार को यह पाप नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली तो केंद्र और कानून व्यवस्था से जुड़े लोगों से उम्मीद थी कि वे उनसे संवेदनशील तरीके से निपटें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को आहत किए उनकी मांगों पर कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए था।
अधिकारियों के गलत नजरिए से बिगड़ी स्थिति
एनसीपी नेता ने कहा कि उन्हें जो सूचना मिली है, उसके अनुसार ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों पर कड़ी शर्तें लगाई गई थीं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से उनके 50-60 दिन के आंदोलन और उनके धैर्य को ध्यान में रखकर निपटा जाना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने एक अलग नजरिया अपनाया जिससे स्थिति खराब हुई है।
कारण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है
पवार ने कहा कि आज हुई घटनाओं का कोई बचाव नहीं कर सकता, लेकिन यह क्यों हो रहा है, कोई इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज दिल्ली के लाल किले और आईटीओ पर जमकर उत्पात मचाया और पुलिस से भी भिड़े। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मद्देनजर एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को केंद्र सरकार को आगाह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जो हुआ, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन वो कारण भी नरअंदाज नहीं किए जा सकते जिनकी वजह से ऐसी स्थिति बनी।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर किसानों से वार्ता करे और मुद्दे पर अपना ‘‘अड़ियल रवैया’’ छोड़े। पवार ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया तो पंजाब में अशांति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए मोदी सरकार को यह पाप नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली तो केंद्र और कानून व्यवस्था से जुड़े लोगों से उम्मीद थी कि वे उनसे संवेदनशील तरीके से निपटें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को आहत किए उनकी मांगों पर कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए था।
अधिकारियों के गलत नजरिए से बिगड़ी स्थिति
एनसीपी नेता ने कहा कि उन्हें जो सूचना मिली है, उसके अनुसार ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों पर कड़ी शर्तें लगाई गई थीं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों से उनके 50-60 दिन के आंदोलन और उनके धैर्य को ध्यान में रखकर निपटा जाना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने एक अलग नजरिया अपनाया जिससे स्थिति खराब हुई है।
कारण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है
पवार ने कहा कि आज हुई घटनाओं का कोई बचाव नहीं कर सकता, लेकिन यह क्यों हो रहा है, कोई इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज दिल्ली के लाल किले और आईटीओ पर जमकर उत्पात मचाया और पुलिस से भी भिड़े। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
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