भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला डे-नाइट टेस्ट के रूप में पिंक बॉल से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में 24 फरवरी से खेला जाएगा। यह मुकाबला न सिर्फ सीरीज के लिहाज से अहम होगा बल्कि भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के लिए भी बेहद खास होगा, क्योंकि वह अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरेंगे। इससे पहले इस तेज गेंदबाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर बात की।
100 टेस्ट खेलने वाले बन जाएंगे दूसरे तेज गेंदबाज
कपिल देव के बाद सौ टेस्ट खेलने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बनने की दहलीज पर खड़े इशांत शर्मा ने जब पूछा गया कि, क्या कपिल देव का 131 टेस्ट का रिकॉर्ड उनके जेहन में है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘131 टेस्ट में समय लगेगा। मैं फिलहाल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बारे में ही सोच रहा हूं। यह मेरा विश्व कप है और इसे जीतकर वनडे विश्व कप जीतने वाला ही अनुभव होगा।’
कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं?
अब तक 99 टेस्ट में 302 विकेट ले चुके इशांत शर्मा ने कौन सा कप्तान उन्हें सबसे अच्छी तरह से समझ सका, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह कहना मुश्किल है कि कौन मुझे सबसे अच्छा समझ सका लेकिन सभी मुझे अच्छे से समझते थे। कप्तान मुझे कितना समझते हैं, उससे ज्यादा जरूरी है कि मैं कप्तान को कितना समझता हूं।’ इशांत ने आगे कहा कि, यह काफी महत्वपूर्ण है कि कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं। यह स्पष्ट होने पर संवाद आसान हो जाता है।
जेम्स एंडरसन 38 साल की उम्र में खेल रहे हैं, क्या वह भी ऐसा कर सकते हैं, इस सवाल के जवाब में इशांत ने कहा, ‘मैं एक समय में एक मैच के बारे में ही सोचता हूं। आपको पता नहीं होता कि आगे क्या हो। अब मैं रिकवरी को लेकर अधिक पेशेवर हूं। पहले बहुत अभ्यास करता था लेकिन रिकवरी पर ध्यान नहीं देता था । उम्र के साथ शरीर का ध्यान रखना जरूरी है।’
ऐसा नहीं है कि मैं सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता
इशांत सीमित ओवरों की टीम की हिस्सा नहीं है और आईपीएल में भी कुछ सत्र बाहर रहे। क्या इससे भी टेस्ट क्रिकेट में करियर लंबा करने में मदद मिली, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं इसे अभिशाप में वरदान की तरह लेता हूं। ऐसा नहीं है कि मैं सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता लेकिन जब खेलने का मौका नहीं हो तो सबसे अच्छा है कि अभ्यास जारी रखे।’
अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि वनडे में चयन नहीं होने से टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन पर असर पड़े। कम से कम मुझे शुक्रगुजार होना चाहिए कि मैं एक प्रारूप तो खेल रहा हूं। इस तेज गेंदबाज ने आगे कहा कि इसके यह मायने नहीं है कि अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता। शायद थोड़ा समय ज्यादा लगता। मैं 32 साल का हूं, 42 का नहीं।’
बांग्लादेश के खिलाफ 18 साल की उम्र में किया था टेस्ट डेब्यू
बता दें कि इशांत ने बांग्लादेश के खिलाफ 18 साल की उम्र में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके बाद वह अनिल कुंबले, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेले।
भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला डे-नाइट टेस्ट के रूप में पिंक बॉल से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में 24 फरवरी से खेला जाएगा। यह मुकाबला न सिर्फ सीरीज के लिहाज से अहम होगा बल्कि भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के लिए भी बेहद खास होगा, क्योंकि वह अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरेंगे। इससे पहले इस तेज गेंदबाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर बात की।
100 टेस्ट खेलने वाले बन जाएंगे दूसरे तेज गेंदबाज
कपिल देव के बाद सौ टेस्ट खेलने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बनने की दहलीज पर खड़े इशांत शर्मा ने जब पूछा गया कि, क्या कपिल देव का 131 टेस्ट का रिकॉर्ड उनके जेहन में है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘131 टेस्ट में समय लगेगा। मैं फिलहाल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बारे में ही सोच रहा हूं। यह मेरा विश्व कप है और इसे जीतकर वनडे विश्व कप जीतने वाला ही अनुभव होगा।’
कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं?
अब तक 99 टेस्ट में 302 विकेट ले चुके इशांत शर्मा ने कौन सा कप्तान उन्हें सबसे अच्छी तरह से समझ सका, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह कहना मुश्किल है कि कौन मुझे सबसे अच्छा समझ सका लेकिन सभी मुझे अच्छे से समझते थे। कप्तान मुझे कितना समझते हैं, उससे ज्यादा जरूरी है कि मैं कप्तान को कितना समझता हूं।’ इशांत ने आगे कहा कि, यह काफी महत्वपूर्ण है कि कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं। यह स्पष्ट होने पर संवाद आसान हो जाता है।
मैं एक समय में एक मैच के बारे में ही सोचता हूं- इशांत
जेम्स एंडरसन 38 साल की उम्र में खेल रहे हैं, क्या वह भी ऐसा कर सकते हैं, इस सवाल के जवाब में इशांत ने कहा, ‘मैं एक समय में एक मैच के बारे में ही सोचता हूं। आपको पता नहीं होता कि आगे क्या हो। अब मैं रिकवरी को लेकर अधिक पेशेवर हूं। पहले बहुत अभ्यास करता था लेकिन रिकवरी पर ध्यान नहीं देता था । उम्र के साथ शरीर का ध्यान रखना जरूरी है।’
ऐसा नहीं है कि मैं सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता
इशांत सीमित ओवरों की टीम की हिस्सा नहीं है और आईपीएल में भी कुछ सत्र बाहर रहे। क्या इससे भी टेस्ट क्रिकेट में करियर लंबा करने में मदद मिली, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं इसे अभिशाप में वरदान की तरह लेता हूं। ऐसा नहीं है कि मैं सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता लेकिन जब खेलने का मौका नहीं हो तो सबसे अच्छा है कि अभ्यास जारी रखे।’
अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता- इशांत
अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि वनडे में चयन नहीं होने से टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन पर असर पड़े। कम से कम मुझे शुक्रगुजार होना चाहिए कि मैं एक प्रारूप तो खेल रहा हूं। इस तेज गेंदबाज ने आगे कहा कि इसके यह मायने नहीं है कि अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता। शायद थोड़ा समय ज्यादा लगता। मैं 32 साल का हूं, 42 का नहीं।’
बांग्लादेश के खिलाफ 18 साल की उम्र में किया था टेस्ट डेब्यू
बता दें कि इशांत ने बांग्लादेश के खिलाफ 18 साल की उम्र में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके बाद वह अनिल कुंबले, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेले।