न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Sun, 10 Jan 2021 08:49 PM IST
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल।
– फोटो : @mlkhattar
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ किया है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। तीनों कानूनों का प्रस्ताव कांग्रेस के समय पर रखा गया था। अब वही कांग्रेसी मामले में राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी और कम्युनिस्ट इस आंदोलन के पीछे हैं। जो कम्युनिस्ट विचारधारा के लोग हैं, उन्हें बता देना चाहता हूं कि कम्यूनिज्म आज के दौर में समाप्त हो चुका है।
आज के घटनाक्रम के बाद प्रदेश की जनता को संदेश मिल गया है। कैमला के कार्यक्रम में जो घटा है, वह किसान का स्वभाव नहीं है। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को समर्थन मिलने वाला नहीं है। सरकार के सामने आया है कि एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने उकसाने का काम किया है। इस तरह का वक्तव्य देना कि यह सभा नहीं होने देंगे, इससे माहौल खराब होता है। मेरे विषय में यह कहा जाना कि मरोड़ निकाल देंगे, इन सब घटनाओं से चढ़ूनी की मानसिकता का परिचय मिल गया है।
जहां तक रविवार के घटनाक्रम का सवाल है, कैमला की रैली में करीब पांच हजार लोग सरकार को सुनने के लिए जुटे थे लेकिन बीच में कुछ शरारती तत्व आ गए, जिन्होंने उपद्रव किया। हालांकि प्रशासन के साथ उन लोगों की यह बात हुई थी कि वे सांकेतिक विरोध करेंगे और हम अपना कार्यक्रम करेंगे। सुरक्षा कारणों से वहां नहीं गया। सीएम ने कहा कि करनाल के लिए करीब 100 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा आज होनी थी। ग्रामीण इस बात का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह नहीं हो सकी। फिर किसी दिन अब ये घोषणाएं की जाएंगी।
नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अविश्वास प्रस्ताव संबंधी बयान पर मनोहर लाल ने कहा कि रात में सपने देखने वाले व्यक्ति के सपने तो पूरे हो भी सकते हैं लेकिन अगर कोई दिन के समय सपने देखे तो कैसे पूरे होंगे। हुड्डा को सत्ता से बाहर होने की छटपटाहट है। यह बौखलाहट दिखाई दे रही है।
26 जनवरी लोकतंत्र का पर्व है
मनोहर लाल ने 26 जनवरी को निकाले जा रहे ट्रैक्टर मार्च को लेकर कहा है कि 26 को किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है। यह दिन राष्ट्र गौरव का दिन है। इस दिन पर सभी को गौरवान्वित होना चाहिए कि हमारा संविधान लिखा गया था। ऐसे दिन पर विरोध करना उचित नहीं है।
शुरुआत में विरोध होता है
सीएम ने कहा कि शुरुआत में विरोध भले ही हो रहा हो लेकिन बाद में पता चलेगा कि यह फैसला किसानों के हक में है। एक ही ढर्रे पर चलते रहेंगे तो काम नहीं चलेगा। व्यवस्था में बदलाव से ही आगे बढ़ते हैं। अगर बदलाव नहीं होता तो आज भी हम पुरानी गाड़ियों पर चलते लेकिन आज हमारे सामने कई विकल्प हैं। नई गाड़ियां बाजार में हैं। किसानों को भी इस कानून के फायदे बाद में पता चलेंगे।
सार
- आंदोलन को उकसाने का काम कर रहे कांग्रेसी और कम्युनिस्ट
- चढ़ूनी के वायरल वीडियो पर जताई आपत्ति, कहा-भड़काने वाला बयान
- अविश्वास प्रस्ताव पर हुड्डा को जवाब, दिन में सपने देखना छोड़ें
विस्तार
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ किया है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। तीनों कानूनों का प्रस्ताव कांग्रेस के समय पर रखा गया था। अब वही कांग्रेसी मामले में राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी और कम्युनिस्ट इस आंदोलन के पीछे हैं। जो कम्युनिस्ट विचारधारा के लोग हैं, उन्हें बता देना चाहता हूं कि कम्यूनिज्म आज के दौर में समाप्त हो चुका है।
आज के घटनाक्रम के बाद प्रदेश की जनता को संदेश मिल गया है। कैमला के कार्यक्रम में जो घटा है, वह किसान का स्वभाव नहीं है। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को समर्थन मिलने वाला नहीं है। सरकार के सामने आया है कि एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने उकसाने का काम किया है। इस तरह का वक्तव्य देना कि यह सभा नहीं होने देंगे, इससे माहौल खराब होता है। मेरे विषय में यह कहा जाना कि मरोड़ निकाल देंगे, इन सब घटनाओं से चढ़ूनी की मानसिकता का परिचय मिल गया है।
जहां तक रविवार के घटनाक्रम का सवाल है, कैमला की रैली में करीब पांच हजार लोग सरकार को सुनने के लिए जुटे थे लेकिन बीच में कुछ शरारती तत्व आ गए, जिन्होंने उपद्रव किया। हालांकि प्रशासन के साथ उन लोगों की यह बात हुई थी कि वे सांकेतिक विरोध करेंगे और हम अपना कार्यक्रम करेंगे। सुरक्षा कारणों से वहां नहीं गया। सीएम ने कहा कि करनाल के लिए करीब 100 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा आज होनी थी। ग्रामीण इस बात का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह नहीं हो सकी। फिर किसी दिन अब ये घोषणाएं की जाएंगी।
दिन के सपने पूरे नहीं होते
नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अविश्वास प्रस्ताव संबंधी बयान पर मनोहर लाल ने कहा कि रात में सपने देखने वाले व्यक्ति के सपने तो पूरे हो भी सकते हैं लेकिन अगर कोई दिन के समय सपने देखे तो कैसे पूरे होंगे। हुड्डा को सत्ता से बाहर होने की छटपटाहट है। यह बौखलाहट दिखाई दे रही है।
26 जनवरी लोकतंत्र का पर्व है
मनोहर लाल ने 26 जनवरी को निकाले जा रहे ट्रैक्टर मार्च को लेकर कहा है कि 26 को किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है। यह दिन राष्ट्र गौरव का दिन है। इस दिन पर सभी को गौरवान्वित होना चाहिए कि हमारा संविधान लिखा गया था। ऐसे दिन पर विरोध करना उचित नहीं है।
शुरुआत में विरोध होता है
सीएम ने कहा कि शुरुआत में विरोध भले ही हो रहा हो लेकिन बाद में पता चलेगा कि यह फैसला किसानों के हक में है। एक ही ढर्रे पर चलते रहेंगे तो काम नहीं चलेगा। व्यवस्था में बदलाव से ही आगे बढ़ते हैं। अगर बदलाव नहीं होता तो आज भी हम पुरानी गाड़ियों पर चलते लेकिन आज हमारे सामने कई विकल्प हैं। नई गाड़ियां बाजार में हैं। किसानों को भी इस कानून के फायदे बाद में पता चलेंगे।
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