Uttar Pradesh
कथक नृत्य साम्राज्ञी सितारा देवी को भारत रत्न देने की उठी मांग, बेटी ने शुरू की काशी से पहल

कथक नृत्य साम्राज्ञी सितारा देवी को अब भारत रत्न मिलना चाहिए। उन्होंने कथक को काशी की गलियों से निकालकर विश्व के फलक पर पहुंचाया लेकिन उनकी प्रतिभा के अनुसार सम्मान नहीं मिल सका है। पद्मश्री सितारा देवी के जन्मशताब्दी वर्ष में देश के साथ ही विदेश में भी सांस्कृतिक आयोजन कराने की योजना है।
यह जानकारी सितारा देवी की पुत्री व कथक नृत्यांगना जयंती माला मिश्रा ने सोमवार को प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि आज से सौ साल पहले नृत्य को संभ्रांत परिवार में अच्छा नहीं माना जाता था। उस दौर में मेरे नाना पं. सुखदेव मिश्र ने मां को नृत्य का प्रशिक्षण देना आरंभ किया था। इसके कारण उन्हें मोहल्लों वालों की प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी। बचपन में मां का नाम धन्नो था और उन्होंने प्रण किया था कि इसके बाद वह कबीरचौरा खुद नहीं आएंगी। कबीरचौरा वाले उनके दरवाजे पर आएंगे।