ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष की मांग आर्थिक पैकेज लाए सरकार, तीन माह में दूसरी बार घटाया जॉबकीपर पैमेंट

कोरोना का अर्थव्यवस्था पर वार
– फोटो : pixabay
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ऑस्ट्रेलिया के विपक्षी दलों खासकर लेबर पार्टी ने सोमवार को संघीय सरकार से मांग की कि कोरोना महामारी के कारण जिन कारोबारी क्षेत्रों को नुकसान उठाना पड़ा है, उनके लिए आपात आर्थिक पैकेज लाया जाए। जबकि संघीय सरकार ने तीन माह में दूसरी बार जॉबकीपर पैमेंट घटा दिया है। यह उन संस्थानों के कर्मचारियों को दिया जाता है, जिनका कोरोना के कारण कारोबार प्रभावित हुआ है।
बता दें कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया के कारोबार जगत पर बहुत विपरीत असर पड़ा है। देशों की अर्थव्यवस्थाएं महामारी से उबरने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सरकार के समर्थन की सभी को आस है।
आर्थिक मदद वापस लेने का आरोप
ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी के वित्तीय प्रवक्ता केटी गलघेर ने बताया कि सरकार ऐसे वक्त आर्थिक मदद वापस ले रही है, जबकि हाल ही में कोरोना के नए स्ट्रेन का पता चलने के बाद घरेलू पाबंदियां पुन: लगाई गई हैं।
पाक्षिक पैमेंट 1200 डॉलर से घटाकर 1000 डॉलर
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार नौकरीपेशा का प्रति पखवाड़े का पैमेंट 1200 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर था, जिसे घटाकर 1000 डॉलर कर दिया गया है। यह कटौती उन लोगों के लिए की गई है, जो कि पहले सप्ताह में 20 घंटे से ज्यादा काम करते थे, लेकिन कोरोना के कारण इतना काम अब नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे कर्मचारी जो 20 घंटे से कम काम करते हैं, उनका पैमेंट 750 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से घटाकर 650 डॉलर कर दिया गया है।
बढ़ रही बेरोजगारी
यह भी उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया की मॉरिसन सरकार ने बीते तीन माह में दूसरी बार नौकरीपेशा का पैमेंट वेतन घटाया है। दूसरी ओर देश के 22 लाख लोग नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सरकार का आकलन है कि मार्च तक देश में बेरोजगारों की संख्या 90 हजार और बढ़ जाएगी। दिसंबर की तिमाही में 16 लाख लोग जॉबकीपर पैमेंट प्राप्त कर रहे थे, जबकि प्रचंड कोरोना के दौर में इनकी संख्या 36 लाख थी। उस वक्त सभी इन सभी नौकरीपेशा को 1500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर प्रति पखवाड़े दिए जाते थे।
Source link