एमपी गजब है: टाइगर व लेपर्ड स्टेट के बाद अब घड़ियाल और गिद्धों की संख्या में भी होगा पहले नंबर पर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Mon, 25 Jan 2021 10:22 PM IST
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भोपाल में है गिद्ध संरक्षण व प्रजनन केंद्र
भोपाल के केरवा इलाके में वर्ष 2013 से गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केन्द्र स्थापित है। इसे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। गिद्धों की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश जल्द नम्बर वन की पायदान पर आने वाला है।
चंबल अभयारण्य में 1859 घड़ियाल
वहीं, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 1,859 घड़ियाल चंबल अभयारण्य में हैं। चार दशक पहले घड़ियालों की संख्या खत्म होने के कगार पर थी। तब दुनिया भर में केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे। इनमें से भारत में 96 और चंबल नदी में 46 घड़ियाल थे।
मुरैना में है घड़ियाल प्रजनन केंद्र
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के देवरी में घड़ियाल प्रजनन केन्द्र की स्थापना की गई है। यहां घड़ियाल के अंडों की सुरक्षित तरीके से हैंचिंग की जाती है। घड़ियाल के अंडों को हैचरी की रेत में 30 से 36 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। इस दौरान अंडों से कॉलिंग आती है और बच्चे निकलना शुरू हो जाते हैं। बड़े होने पर इन्हें उचित रहवास जल क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से छोड़ दिया जाता है।
526 बाघों के साथ बना टाइगर स्टेट
उन्होंने बताया कि देश में सबसे अधिक बाघ मध्यप्रदेश में हैं। पिछले साल बाघों की संख्या 526 होने के साथ प्रदेश को एक बार पुन: टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है।
देश के 25 फीसदी तेंदुए मप्र में
आधिकारिक गणना के अनुसार देशभर में तेंदुओं की संख्या 12,852 और मध्यप्रदेश में 3,421 संख्या थी। इस प्रकार देश में उपलब्ध तेंदुओं की संख्या में से 25 प्रतिशत अकेले मध्यप्रदेश में पाए गए हैं। इसी के साथ मध्यप्रदेश ने देश में अन्य राज्यों को पीछे छोड़कर ‘तेंदुआ स्टेट’ का दर्जा हासिल किया है।