एक लाख की आबादी पर सिर्फ चार दुकानें, इसलिए और वाइन शॉप खोलेगी शिवराज सरकार

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मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए जहरीली शराब कांड के बाद अब सरकार राज्य में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आबकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें अधिकारियों ने शराब की दुकानें बढ़ाने का सुझाव दिया है।
उन्होंने यह तर्क दिया है कि राजस्थान में एक लाख की आबादी पर 17, महाराष्ट्र में 21 और उत्तर प्रदेश में 12 दुकानें हैं, जबकि मध्यप्रदेश में यह संख्या सिर्फ चार है। इसलिए प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ानी चाहिए।
गौरतलब है कि जहरीली शराब कांड के बाद मंगलवार को कलेक्टर-कमिश्नर और आईजी-एसपी के साथ मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की थी। इस दौरान अफसरों ने ये तर्क दिया कि शराब की दुकानें बढ़ाने से प्रदेश में बिगड़ रही स्थिति को कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री और परिवहन से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। अब यदि किसी भी जिले में जहरीली शराब कांड से किसी की मौत हुई तो इसकी जवाबदेही कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी के साथ आबकारी अधिकारी की भी होगी।
बता दें जहरीली शराब से मुरैना में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पर जहरीली शराब पीने से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान रतलाम जिले में अवैध जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई थी।
मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए जहरीली शराब कांड के बाद अब सरकार राज्य में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आबकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें अधिकारियों ने शराब की दुकानें बढ़ाने का सुझाव दिया है।
एक लाख की आबादी पर केवल चार दुकानें
उन्होंने यह तर्क दिया है कि राजस्थान में एक लाख की आबादी पर 17, महाराष्ट्र में 21 और उत्तर प्रदेश में 12 दुकानें हैं, जबकि मध्यप्रदेश में यह संख्या सिर्फ चार है। इसलिए प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ानी चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक
गौरतलब है कि जहरीली शराब कांड के बाद मंगलवार को कलेक्टर-कमिश्नर और आईजी-एसपी के साथ मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की थी। इस दौरान अफसरों ने ये तर्क दिया कि शराब की दुकानें बढ़ाने से प्रदेश में बिगड़ रही स्थिति को कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है।
सख्त कार्रवाई के दिए आदेश
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री और परिवहन से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। अब यदि किसी भी जिले में जहरीली शराब कांड से किसी की मौत हुई तो इसकी जवाबदेही कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी के साथ आबकारी अधिकारी की भी होगी।
पहले भी हुई हैं मौतें
बता दें जहरीली शराब से मुरैना में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पर जहरीली शराब पीने से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान रतलाम जिले में अवैध जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई थी।