उपराष्ट्रपति ने सांसदों को पत्र लिखकर स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने का किया आग्रह

Vice President M. Venkaiah Naidu
– फोटो : ANI
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21 फरवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ से पहले वेंकैया नायडू ने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को अलग-अलग भाषाओं में पत्र लिखा है। तीन पन्नों के इस पत्र में नायडू ने स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरतों को लेकर कहा कि यह देश के सांस्कृतिक विविधता को बचाने के लिए आवश्यक है।
उन्होंने लिखा, संस्कृति और भाषा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक भाषा को समाप्त करना बेशकीमती विरासत को खोने जैसा है। हम ऐसा होने नहीं दे सकते। उपराष्ट्रपति ने आगे लिखा, हमारी विविधता भरी संस्कृति की खूबसूरती को केवल मातृभाषाओं को प्रोत्साहन देकर ही बचाया जा सकता है। मातृभाषा जीवन की आत्मा है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सांसदों को अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है।
21 फरवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ से पहले वेंकैया नायडू ने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को अलग-अलग भाषाओं में पत्र लिखा है। तीन पन्नों के इस पत्र में नायडू ने स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरतों को लेकर कहा कि यह देश के सांस्कृतिक विविधता को बचाने के लिए आवश्यक है।
उन्होंने लिखा, संस्कृति और भाषा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक भाषा को समाप्त करना बेशकीमती विरासत को खोने जैसा है। हम ऐसा होने नहीं दे सकते। उपराष्ट्रपति ने आगे लिखा, हमारी विविधता भरी संस्कृति की खूबसूरती को केवल मातृभाषाओं को प्रोत्साहन देकर ही बचाया जा सकता है। मातृभाषा जीवन की आत्मा है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सांसदों को अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है।