मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
– फोटो : AMAR UJALA FILE PHOTO
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर जारी किसान आंदोलन के भड़कने को पाकिस्तान और अमेरिका की साजिश करार दिया। शनिवार को बन्नू स्कूल में ब्याज मुक्त कर्ज वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर 302 ट्वीटर हैंडल पाकिस्तान के सक्रिय हैं। यह सामने आ गया है।
उत्तराखंड: एक साथ 106 स्थानों पर आयोजित हुआ कार्यक्रम, 25 हजार किसानों को बांटा ब्याज मुक्त कर्ज
आंदोलन को भड़काने का काम अमेरिका से किया जा रहा है। अमेरिका के एक अखबार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खतरनाक देशभक्त तक करार दिया। सीएम ने पूछा कि क्या देशभक्त होना अपराध है। किसानों के लिए देश में स्वामिनाथन आयोग ने किया था। देश के प्रधानमंत्री ने स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने बांस को जंगल की उपज घोषित कर किसानों और उद्योगों को नुकसान पहुंचाया। भाजपा सरकार ने इस उपज को कृषि उपज घोषित किया। मुख्यमंत्री ने किसानों से किसी के बहकावे में न आने की भी अपील की और कहा कि उन्हें संतोष है कि उत्तराखंड का किसान इस आंदोलन में शामिल नहीं है।
सीएम ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को काल कानून बताया जा रहा है और हम इनसे पूछ रहे हैं कि इसमें काला क्या है। इस बात का कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। हम कह रहे है कि यह पता लग जाए कि काला क्या है तो हम इनकी बात मान लेंगे।
किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में सीपीआई व भारतीय किसान यूनियन तोमर ने प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। दोनों संगठनों ने किसानों का उत्पीड़न बंद करने और तत्काल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
सीपीआई के कार्यकर्ता राजपुर रोड स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए। वहां से वह जुलूस के रूप में गांधी पार्क पहुंचे और कृषि कानूनों के विरोध में जमकर नारेबाजी कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। वक्ताओं ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट जगत के इशारों पर कार्य कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थानों, पुलिस व कानून का दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों में जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, अनंत आकाश, लेखराज, भगवंत, रविंद्र नौडियाल, दिनेश, रजनी नैैथानी आदि मौजूद रहे।
उधर, भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट ने भी घंटाघर पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर तत्काल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
ज्ञापन में एमएसपी को लेकर तत्काल कानून बनाने, गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल करने, आंदोलन में शहीद मृतक किसानों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता अरुण शर्मा, वीरेंद्र तेवतिया, लाल सिंह गुर्जर, राजेंद्र चौधरी, नितिन राठी, नरेंद्र चोपड़ा, अशोक कुमार, पदम सिंह शामिल रहे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर जारी किसान आंदोलन के भड़कने को पाकिस्तान और अमेरिका की साजिश करार दिया। शनिवार को बन्नू स्कूल में ब्याज मुक्त कर्ज वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर 302 ट्वीटर हैंडल पाकिस्तान के सक्रिय हैं। यह सामने आ गया है।
उत्तराखंड: एक साथ 106 स्थानों पर आयोजित हुआ कार्यक्रम, 25 हजार किसानों को बांटा ब्याज मुक्त कर्ज
आंदोलन को भड़काने का काम अमेरिका से किया जा रहा है। अमेरिका के एक अखबार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खतरनाक देशभक्त तक करार दिया। सीएम ने पूछा कि क्या देशभक्त होना अपराध है। किसानों के लिए देश में स्वामिनाथन आयोग ने किया था। देश के प्रधानमंत्री ने स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने बांस को जंगल की उपज घोषित कर किसानों और उद्योगों को नुकसान पहुंचाया। भाजपा सरकार ने इस उपज को कृषि उपज घोषित किया। मुख्यमंत्री ने किसानों से किसी के बहकावे में न आने की भी अपील की और कहा कि उन्हें संतोष है कि उत्तराखंड का किसान इस आंदोलन में शामिल नहीं है।
सीएम ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को काल कानून बताया जा रहा है और हम इनसे पूछ रहे हैं कि इसमें काला क्या है। इस बात का कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। हम कह रहे है कि यह पता लग जाए कि काला क्या है तो हम इनकी बात मान लेंगे।
‘कृषि कानूनों को वापस ले सरकार’
किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में सीपीआई व भारतीय किसान यूनियन तोमर ने प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। दोनों संगठनों ने किसानों का उत्पीड़न बंद करने और तत्काल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
सीपीआई के कार्यकर्ता राजपुर रोड स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए। वहां से वह जुलूस के रूप में गांधी पार्क पहुंचे और कृषि कानूनों के विरोध में जमकर नारेबाजी कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। वक्ताओं ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट जगत के इशारों पर कार्य कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थानों, पुलिस व कानून का दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों में जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, अनंत आकाश, लेखराज, भगवंत, रविंद्र नौडियाल, दिनेश, रजनी नैैथानी आदि मौजूद रहे।
उधर, भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट ने भी घंटाघर पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर तत्काल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
ज्ञापन में एमएसपी को लेकर तत्काल कानून बनाने, गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल करने, आंदोलन में शहीद मृतक किसानों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता अरुण शर्मा, वीरेंद्र तेवतिया, लाल सिंह गुर्जर, राजेंद्र चौधरी, नितिन राठी, नरेंद्र चोपड़ा, अशोक कुमार, पदम सिंह शामिल रहे।
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