संवाद न्यूज एजेंसी, जीरकपुर (पंजाब)
Updated Tue, 19 Jan 2021 10:21 PM IST
मृतक दीपक अरोड़ा की फाइल फोटो।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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शक के कारण कैसे जान से प्यारे दोस्त भी दुश्मन बन जाते हैं, जीरकपुर का वकील आत्महत्या केस इसी की बानगी है। पेशे से वकील दीपक अरोड़ा अपने पांच दोस्तों के साथ होटल के व्यापार में भाग्य आजमाने उतर गए। पार्टनरशिप में होटल शुरू कर दिया। सबकुछ अच्छा ही चल रहा था। लेकिन एक दिन पुलिस का छापा पड़ा और सबकुछ बदल गया। जिस्मफरोशी के आरोप में थाने में रिपोर्ट दर्ज हो गई। दोस्त एक दूसरे पर ही शक करने लगे। आखिरकार सबका शक दीपक पर गहरा गया।
उन्हें लगा कि दीपक ने ही पुलिस से मुखबिरी की है। इसी वजह से पुलिस होटल में घुसी और उनके धंधे की वाट लग गई। दीपक को किनारे करने के लिए उसके दोस्तों ने ही साजिश रचनी शुरू कर दी। उसकी चेकबुक चुराई। उस पर इमोशनल अत्याचार शुरू कर दिया। प्रताड़ित करने वालों में बलटाना चौकी इंचार्ज कुलवंत सिंह भी शामिल हो गए। दीपक यह सब सह नहीं सका और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर सोमवार को होटल में ही पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। अपने सुसाइड नोट में दीपक ने अपना दर्द बयां करते हुए सभी के नाम भी लिखे।
दीपक की जिंदगी खत्म होने के बाद कानूनी कार्रवाई, चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
सोमवार को दीपक ने जान दी थी। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को चौकी इंचार्ज कुलवंत सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही उसके पांच दोस्तों देविंदर सिंह उर्फ देव राणा, प्रेम मनोचा, मनी गुप्ता, रवि अरोड़ा और विपिन छाबड़ा के खिलाफ भी केस दर्जकर लिया गया। उन पर दीपक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है।
परिजनों ने लगाई थी पुलिस से गुहार
वकील दीपक अरोड़ा के परिजनों ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें भी ब्लैकमेल करने के आरोप थे। परिवार ने बताया कि दीपक के पार्टनरों ने उनकी चेकबुक चुरा ली थी। उसमें मोटी रकम भरकर दीपक के जाली दस्तखत कर उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। परेशान होकर दीपक अरोड़ा ने सोमवार को जीरकपुर स्थित अपने एक दोस्त के दफ्तर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। उधर, एसपी देहात रवजोत कौर ग्रेवाल ने बताया कि एसएसपी के आदेश पर छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
शक के कारण कैसे जान से प्यारे दोस्त भी दुश्मन बन जाते हैं, जीरकपुर का वकील आत्महत्या केस इसी की बानगी है। पेशे से वकील दीपक अरोड़ा अपने पांच दोस्तों के साथ होटल के व्यापार में भाग्य आजमाने उतर गए। पार्टनरशिप में होटल शुरू कर दिया। सबकुछ अच्छा ही चल रहा था। लेकिन एक दिन पुलिस का छापा पड़ा और सबकुछ बदल गया। जिस्मफरोशी के आरोप में थाने में रिपोर्ट दर्ज हो गई। दोस्त एक दूसरे पर ही शक करने लगे। आखिरकार सबका शक दीपक पर गहरा गया।
उन्हें लगा कि दीपक ने ही पुलिस से मुखबिरी की है। इसी वजह से पुलिस होटल में घुसी और उनके धंधे की वाट लग गई। दीपक को किनारे करने के लिए उसके दोस्तों ने ही साजिश रचनी शुरू कर दी। उसकी चेकबुक चुराई। उस पर इमोशनल अत्याचार शुरू कर दिया। प्रताड़ित करने वालों में बलटाना चौकी इंचार्ज कुलवंत सिंह भी शामिल हो गए। दीपक यह सब सह नहीं सका और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर सोमवार को होटल में ही पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। अपने सुसाइड नोट में दीपक ने अपना दर्द बयां करते हुए सभी के नाम भी लिखे।
दीपक की जिंदगी खत्म होने के बाद कानूनी कार्रवाई, चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
सोमवार को दीपक ने जान दी थी। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को चौकी इंचार्ज कुलवंत सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही उसके पांच दोस्तों देविंदर सिंह उर्फ देव राणा, प्रेम मनोचा, मनी गुप्ता, रवि अरोड़ा और विपिन छाबड़ा के खिलाफ भी केस दर्जकर लिया गया। उन पर दीपक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है।
परिजनों ने लगाई थी पुलिस से गुहार
वकील दीपक अरोड़ा के परिजनों ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें भी ब्लैकमेल करने के आरोप थे। परिवार ने बताया कि दीपक के पार्टनरों ने उनकी चेकबुक चुरा ली थी। उसमें मोटी रकम भरकर दीपक के जाली दस्तखत कर उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। परेशान होकर दीपक अरोड़ा ने सोमवार को जीरकपुर स्थित अपने एक दोस्त के दफ्तर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। उधर, एसपी देहात रवजोत कौर ग्रेवाल ने बताया कि एसएसपी के आदेश पर छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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