दुनिया की सबसे पुरानी जंगली सूअर पेंटिंग
– फोटो : twitter
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
पुरातत्वविदों ने गुफा में उकेरे गए दुनिया के सबसे पुराने चित्र का पता लगाया है। इसके तहत, इंडोनेशिया के एक द्वीप पर गुफा के भीतर 45,500 साल पहले जंगली सूअर की पेंटिंग की जानकारी मिली है। इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी द्वीप में गुफा में पेंटिंग का पता लगाया गया।
शोध पत्रिका ‘साइंस एडवांसेस’ में इस बारे में अध्ययन प्रकाशित किया गया है। क्षेत्र में इंसानों की मौजूदगी के शुरुआती पुरातात्विक प्रमाणों का भी इसमें उल्लेख किया गया है। ऑस्ट्रेलिया में ग्रिफिट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एडम ब्रूम ने बताया, सुलावेसी की लेंग टेडोंगगने गुफा में मिली पेंटिंग दुनिया में गुफा कलाकृति का सबसे पुराना नमूना है।
उन्होंने कहा, यह गुफा एक घाटी में है जो कि बाहर से चूना-पत्थर की चट्टानों के कारण बंद हो गया था और शुष्क मौसम में सुराख बनने से वहां जाने का एक संकरा रास्ता बना। उन्होंने कहा कि इस घाटी में रहने वाले बगिस समुदाय ने दावा किया कि वे पहले कभी गुफा की तरफ नहीं गए थे।
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि सुलावेसी में सूअर की बड़ी सी कलाकृति कम से कम 45,500 साल पुरानी है। इससे पहले 43,900 साल पहले की पेंटिंग खोज निकाली गयी थी। इंडोनेशिया के एक पुरातत्वविद और ग्रिफिट यूनिवर्सिटी के शोधार्थी बसारन बुरहान ने बताया कि हजारों साल पहले ही सूअर की यह प्रजाति खत्म हो गयी। उन्होंने कहा, द्वीप पर हिम युग की चट्टानों पर इस तरह के सूअरों का चित्रण किया जाता था।
पुरातत्वविदों ने गुफा में उकेरे गए दुनिया के सबसे पुराने चित्र का पता लगाया है। इसके तहत, इंडोनेशिया के एक द्वीप पर गुफा के भीतर 45,500 साल पहले जंगली सूअर की पेंटिंग की जानकारी मिली है। इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी द्वीप में गुफा में पेंटिंग का पता लगाया गया।
शोध पत्रिका ‘साइंस एडवांसेस’ में इस बारे में अध्ययन प्रकाशित किया गया है। क्षेत्र में इंसानों की मौजूदगी के शुरुआती पुरातात्विक प्रमाणों का भी इसमें उल्लेख किया गया है। ऑस्ट्रेलिया में ग्रिफिट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एडम ब्रूम ने बताया, सुलावेसी की लेंग टेडोंगगने गुफा में मिली पेंटिंग दुनिया में गुफा कलाकृति का सबसे पुराना नमूना है।
उन्होंने कहा, यह गुफा एक घाटी में है जो कि बाहर से चूना-पत्थर की चट्टानों के कारण बंद हो गया था और शुष्क मौसम में सुराख बनने से वहां जाने का एक संकरा रास्ता बना। उन्होंने कहा कि इस घाटी में रहने वाले बगिस समुदाय ने दावा किया कि वे पहले कभी गुफा की तरफ नहीं गए थे।
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि सुलावेसी में सूअर की बड़ी सी कलाकृति कम से कम 45,500 साल पुरानी है। इससे पहले 43,900 साल पहले की पेंटिंग खोज निकाली गयी थी। इंडोनेशिया के एक पुरातत्वविद और ग्रिफिट यूनिवर्सिटी के शोधार्थी बसारन बुरहान ने बताया कि हजारों साल पहले ही सूअर की यह प्रजाति खत्म हो गयी। उन्होंने कहा, द्वीप पर हिम युग की चट्टानों पर इस तरह के सूअरों का चित्रण किया जाता था।
Source link Like this:
Like Loading...