वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Thu, 14 Jan 2021 07:01 AM IST
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी राजदूत मुनीर अकरम (फाइल फोटो)
– फोटो : Social Media
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आतंकियों के मातहत पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और हिंदुत्व को खतरा बताया है। जिस पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को संरक्षण दिया; दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर से लेकर हाफिज सईद तक दुनिया के अधिकतर खूंखार आतंकवादियों और उनके संगठनों को पालने-पोसने का बीड़ा उठा रखा है, उसने आरएसएस और हिंदुत्व को अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने मंगलवार को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद से कहा कि हिंसक चरमपंथी वर्चस्ववादी समूहों को आतंकवादी संगठनों की तरह प्रतिबंधित किया जाए। आतंकवाद और निर्दोषों का खून बहाने वालों का बेशर्मी से बचाव करने वाले पाकिस्तान ने अंतराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करते हुए यहां तक कहा कि इस तरह के संगठनों की वजह से जवाबी हिंसा को बढ़ावा मिलेगा।
अकरम ने यूएनएससी में कहा, ‘इस तरह के हिंसक नस्लवादी और चरमपंथी आतंकवाद अनिवार्य रूप से जवाबी हिंसा को बढ़ावा देंगे और आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के डायस्टोपियन कथा को मान्य करेंगे।’ अकरम ने यह भी कहा कि हिंदुत्व की विचारधारा से भारत में मुस्लिम आबादी को डराया जा रहा है। आतंकवाद को फंडिंग देने के लिए एफएटीएफ की ओर से मुंह पर कालिख पोते जाने से डरे पाकिस्तान के दूत ने राष्ट्रवादी संगठन को हिंसक बताते हुए इसके फंडिंग पर रोक लगाने की मांग की।
पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध से दुनिया के सामने बेनकाब हो चुके पाकिस्तान ने आरएसएस जैसे संगठनों को 1267 प्रतिबंध समिति के दायरे में लाने की मांग की। कश्मीर की शांति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे पाकिस्तान के दूत ने भारत के इस राज्य को लेकर भी अपनी घिसी पिटी बातें दोहराईं और कहा कि भारतीय सेना यहां मानवता के खिलाफ युद्ध अपराधों में शामिल है।
गौरतलब है कि जब भी पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ता है तो वह अपने देश के आतंकियों को सामाजिक कार्यकर्ता बताने लगता है तो सामाजिक संगठनों पर आतंकवाद का लेबल चस्पा करने की नाकाम कोशिश करता है। इससे पहले इमरान खान भी कई बार आरएसएस के खिलाफ जहर उगल चुके हैं।
आतंकियों के मातहत पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और हिंदुत्व को खतरा बताया है। जिस पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को संरक्षण दिया; दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर से लेकर हाफिज सईद तक दुनिया के अधिकतर खूंखार आतंकवादियों और उनके संगठनों को पालने-पोसने का बीड़ा उठा रखा है, उसने आरएसएस और हिंदुत्व को अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने मंगलवार को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद से कहा कि हिंसक चरमपंथी वर्चस्ववादी समूहों को आतंकवादी संगठनों की तरह प्रतिबंधित किया जाए। आतंकवाद और निर्दोषों का खून बहाने वालों का बेशर्मी से बचाव करने वाले पाकिस्तान ने अंतराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करते हुए यहां तक कहा कि इस तरह के संगठनों की वजह से जवाबी हिंसा को बढ़ावा मिलेगा।
अकरम ने यूएनएससी में कहा, ‘इस तरह के हिंसक नस्लवादी और चरमपंथी आतंकवाद अनिवार्य रूप से जवाबी हिंसा को बढ़ावा देंगे और आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के डायस्टोपियन कथा को मान्य करेंगे।’ अकरम ने यह भी कहा कि हिंदुत्व की विचारधारा से भारत में मुस्लिम आबादी को डराया जा रहा है। आतंकवाद को फंडिंग देने के लिए एफएटीएफ की ओर से मुंह पर कालिख पोते जाने से डरे पाकिस्तान के दूत ने राष्ट्रवादी संगठन को हिंसक बताते हुए इसके फंडिंग पर रोक लगाने की मांग की।
पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध से दुनिया के सामने बेनकाब हो चुके पाकिस्तान ने आरएसएस जैसे संगठनों को 1267 प्रतिबंध समिति के दायरे में लाने की मांग की। कश्मीर की शांति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे पाकिस्तान के दूत ने भारत के इस राज्य को लेकर भी अपनी घिसी पिटी बातें दोहराईं और कहा कि भारतीय सेना यहां मानवता के खिलाफ युद्ध अपराधों में शामिल है।
गौरतलब है कि जब भी पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ता है तो वह अपने देश के आतंकियों को सामाजिक कार्यकर्ता बताने लगता है तो सामाजिक संगठनों पर आतंकवाद का लेबल चस्पा करने की नाकाम कोशिश करता है। इससे पहले इमरान खान भी कई बार आरएसएस के खिलाफ जहर उगल चुके हैं।
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