अमेरिका: न्यूयॉर्क विधानसभा की अहमकाना हरकत, 5 फरवरी को मनाएगी कश्मीर अमेरिकन डे

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भारत ने किया कड़ा विरोध
भारत ने इस पर कड़ा एतराज किया और कहा कि जम्मू-कश्मीर को गलत ढंग से दिखा कर अपना हित साधने वाले कुछ खास लोगों ने देश की समृद्ध संस्कृति व तानेबाने को बांटने का प्रयास है।
तीन फरवरी को अमेरिकी-जॉर्डनवंशी नादिर सायेग व 12 विधानसभा सदस्य यह प्रस्ताव लेकर आए थे। इसमें कहा गया कि न्यूयॉर्क संविधान के तहत मानवाधिकार, धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। यहां के प्रवासियों में कश्मीरी भी प्रमुख स्तंभ हैं। ऐसे में क्वोमो को अपने राज्य में पांच फरवरी को कश्मीर अमेरिकी दिवस घोषित करना चाहिए।
न्यूयॉर्क के जनप्रतिनिधियों से बात करेगा भारतीय दूतावास
वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास ने कहा उसने न्यूयॉर्क विधानसभा का प्रस्ताव देखा है। भारत अमेरिका की तरह ही जीवंत लोकतंत्र है, जहां 135 करोड़ लोगों के विविधतापूर्ण विचार सम्मान से देखे जाते हैं। भारत अपनी अनेकता और समृद्ध सांस्कृतिक तानेबाने पर गर्व करता है।
इसमें जम्मू-कश्मीर भी शामिल है। वह भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। सामने आया है कि कुछ लोग जम्मू-कश्मीर की समृद्ध संस्कृति को अपने हितों के लिए गलत ढंग से प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि लोगों को बांट सकें। दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि न्यूयॉर्क के जनप्रतिनिधियों से भारत-अमेरिका के सहयोग से जुड़े सभी विषयों और भारत के विविधता भरे सामाजिक जीवन के बारे में बातचीत की जाएगी।
पाकिस्तान दुम हिलाने लगा
न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी महावाणिज्यिक दूतावास ने प्रस्ताव पर न्ट्वीट कर खुशामदी स्वर में नादिर सायेग का शुक्रिया अदा किया। प्रस्ताव पास करवाने में पाकिस्तान समर्थक अमेरिकी समूहों की भूमिका पर भी उनका अभार जताया। पाकिस्तान लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहा है। खासतौर से भारत द्वारा पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पर उठाए गए कदम के बाद वह बौखलाया हुआ है।