सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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ब्रिटेन के 200 शिक्षाविद व शोधार्थी चीन की अनजाने में मदद कर उलझ गए हैं। उन्होंने चीन को व्यापक जनसंहार के हथियार बनाने की तकनीक मुहैया करा दी है। ऐसा करना अपराध है और इस पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। ऐसे में इन्हें जल्द जेल की हवा खाना पड़ सकती है।
20 विश्वविद्यालयों के हैं ये शिक्षाविद
अनजाने में मुसीबत से घिरे ये शिक्षाविद ब्रिटेन के 20 विश्व विद्यालयों के हैं। इन्होंने देश के निर्यात नियंत्रण आदेश 2008 का उल्लंघन किया है। ब्रिटिश कानून में गुप्त व संवेदनशील बौद्धिक संपदा किसी शत्रु देश को मुहैया कराने पर कठोर सजा का प्रावधान है। इसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है। मामले की अभी जांच चल रही है। यदि उन्हें दोषी पाया गया तो जेल भेजा जाएगा। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा व मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप है।
विमानों, मिसाइलों, साइबर शस्त्र की प्रौद्योगिकी दे दी?
ब्रिटिश अखबार द टाइम्स के अनुसार इन शिक्षाविदों व शोधार्थियों ने देश की आधुनिक लड़ाकू विमानों से लेकर मिसाइल से लेकर साइबर शस्त्र तक की प्रौद्योगिकी चीन से साझा की। इन 200 लोगों को जांच एजेंसियों द्वारा नोटिस दिए जाने की खबर है। हालांकि एक सरकारी सूत्र ने इससे इनकार किया है। एक अन्य सूत्र का कहना है कि हाल ही में दर्जनों शिक्षाविदों को कोर्ट में देखा गया है।
ब्रिटेन के 200 शिक्षाविद व शोधार्थी चीन की अनजाने में मदद कर उलझ गए हैं। उन्होंने चीन को व्यापक जनसंहार के हथियार बनाने की तकनीक मुहैया करा दी है। ऐसा करना अपराध है और इस पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। ऐसे में इन्हें जल्द जेल की हवा खाना पड़ सकती है।
20 विश्वविद्यालयों के हैं ये शिक्षाविद
अनजाने में मुसीबत से घिरे ये शिक्षाविद ब्रिटेन के 20 विश्व विद्यालयों के हैं। इन्होंने देश के निर्यात नियंत्रण आदेश 2008 का उल्लंघन किया है। ब्रिटिश कानून में गुप्त व संवेदनशील बौद्धिक संपदा किसी शत्रु देश को मुहैया कराने पर कठोर सजा का प्रावधान है। इसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है। मामले की अभी जांच चल रही है। यदि उन्हें दोषी पाया गया तो जेल भेजा जाएगा। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा व मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप है।
विमानों, मिसाइलों, साइबर शस्त्र की प्रौद्योगिकी दे दी?
ब्रिटिश अखबार द टाइम्स के अनुसार इन शिक्षाविदों व शोधार्थियों ने देश की आधुनिक लड़ाकू विमानों से लेकर मिसाइल से लेकर साइबर शस्त्र तक की प्रौद्योगिकी चीन से साझा की। इन 200 लोगों को जांच एजेंसियों द्वारा नोटिस दिए जाने की खबर है। हालांकि एक सरकारी सूत्र ने इससे इनकार किया है। एक अन्य सूत्र का कहना है कि हाल ही में दर्जनों शिक्षाविदों को कोर्ट में देखा गया है।
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